कृषि विभाग की नजर में सिर्फ 18 गावों में नुकसान, किसानों ने जताया रिपोर्ट पर एतराज
राज्य सरकार के आदेश पर कृषि विभाग द्वारा तरनतारन जिले से संबंधित करीब 22 गांवों का दौरा करने के बाद विभाग को रिपोर्ट भेज दी गई है।
जासं, तरनतारन : राज्य सरकार के आदेश पर कृषि विभाग द्वारा तरनतारन जिले से संबंधित करीब 22 गांवों का दौरा करने के बाद विभाग को रिपोर्ट भेज दी गई है। उसमें कहा गया है कि तेज बारिश व ओलावृष्टि से महज 18 गांवों में ही धान का अधिक नुकसान हुआ है जबकि कुछ गांवों में पांच से दस फीसद तक ही धान खराब हुआ है। कृषि विभाग की इस रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी ने कहा कि यह रिपोर्ट किसानों के साथ बेईमानी है। इसके विरोध में 26 अक्टूबर को डीसी कार्यालय समक्ष धरना लगाया जाएगा।
चीफ एग्रीकल्चर अधिकारी (सीएओ) डा. जगविदर सिंह की अगुआई में डा. नवजोत सिंह, रुलदा सिंह, रमनदीप सिंह, मनदीप सिंह, गुरपाल सिंह ने बताया कि कृषि विभाग की टीमों ने बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों का दौरा किया है। इसमें गांव रूड़ेआसल, चोताला, रसूलपुर, पिद्दी, तखूचक्क, पंडोरी गोला, भुल्लर, बाठ, खब्बे डोगरा, रटौल, वलीपुर, बुग्गा, जहांगीर, पलासौर, दीनेवाल, पखोके, अलादीनपुर में धान को अधिक नुकसान हुआ है जबकि गांव जहांगीर, दीनेवाल, बागडिय़ा, देऊ और पखोके में आलू के साथ मटर की फसल पानी में डूबी है। कृषि विभाग की मानें तो जिले के बाकी गांवों में धान व बासमती (1121) को केवल पांच से दस फीसद का ही नुकसान हुआ है। सीएओ डा. जगविदर सिंह ने बताया कि संबंधित रिपोर्ट कृषि विभाग के डायरेक्टर को भेज दी गई है। उधर, कृषि विभाग की रिपोर्ट को किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी ने मजाक करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में किसानों की फसल का नुकसान हुआ है। सविदर सिंह चोताला, प्रगट सिंह, बलजिदर सिंह, सतनाम सिंह, सुखचैन सिंह, शमशेर सिंह, गुरदेव सिंह, गुरपाल सिंह, रछपाल सिंह ने बताया कि 26 अक्टूबर को डीसी कार्यालय के समक्ष धरना लगाया जाएगा।