परिवार के पांच सदस्यों की हत्या का मामला उलझा, पुलिस की कहानी पर सवाल
परिवार के पांच सदस्यों की हत्या मामले में पुलिस की कहानी पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने कहा था नशेड़ी युवक ने चार की हत्या की और सो गया। इसके बाद उसके भाई ने उसे मार दिया।
जेएनएन, तरनतारन। यहांं के नजदीकी गांव कैरों में बुधवार रात पांच लोगों की हत्या का मामला सवालों में उलझता जा रहा है। शनिवार को पुलिस ने दावा किया था कि पहले नशा तस्कर ब्रिज लाल के बेटे बंटी ने चार हत्याएं की और फिर सो गया। उसके बाद नींद से जागे गुरजंट सिंह जंटा ने अपने भाई बंटी की हत्या की थी। रविवार को सारे मामले पर ब्रिज लाल के परिवार ने उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए।
ब्रिज लाल के लड़के बख्शीश सिंह सोना, परमजीत सिंह पम्मा, लड़की सरबजीत कौर व बुआ कमलेश कौर ने आरोप लगाया कि परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या के मामले पर पुलिस पर्दा डाल रही है। हत्यारों ने घर से लाखों की नगदी और करीब एक किलो सोने के जेवरात भी लूटे गए थे, जिनका अभी तक सुराग नहीं लगा। बख्शीश सिंह व परमजीत ने कहा कि हत्याकांड में उन दोनों की पत्नियां मारी गई हैं।
दोनों ने कहा कि पुलिस ने शनिवार को हत्याकांड से पर्दा हटाने का दावा करते जो कहानी बयान की है, वह हजम नहीं हो रही, क्योंकि हत्याकांड को अंजाम देने वाले एक या दो लोग नहीं थे। इसे आधा दर्जन से अधिक लोगों ने अंजाम दिया है। चूंकि उसके भाई दलजीत सिंह बंटी व गुरजंट सिंह जंटा दोनों ही नशे में बुरी तरह चूर थे। सवाल यह है कि नशे कारण जो आदमी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता, वह ऐसी वारदात को कैसे अंजाम दे सकता है।
बुआ कमलेश कौर ने कहा कि ऐसा लगता है कि हत्याकांड को अंजाम देने वाले लोग सियासी पहुंच व पैसे वाले हैं, इसीलिए पुलिस ने ऐसी कहानी बनाई है। बता दें, बुधवार रात नशा तस्कर ब्रिज लाल, उसकी दो पुत्रवधू जसप्रीत कौर जस्सी, अमनदीप कौर अमन, पुत्र दलजीत सिंह बंटी व नौकर गुरसाहिब सिंह साबा की तेजधार हथियारों से हत्या कर दी गई थी।
पुलिस की जांच बिल्कुल सही : वालिया
एसपी (आइ) जगजीत सिंह वालिया का कहना है कि पुलिस ने हत्याकांड के तुरंत बाद फिंगर प्रिंट माहिर व डॉग स्कवायड की मदद ली। विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों के आधारित टीम ने मामले की जांच की है। पुलिस न तो किसी गुनाहगार को बचाती है और न ही किसी बेगुनाह को मामले में झूठा फंसाती है। पुलिस पर ऐसे आरोप लगाना ठीक नहीं है। मृतकों के परिवारिक सदस्यों से पुलिस की हमदर्दी है, परंतु उनको ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए, जिससे कानूनी कार्रवाई प्रभावित रहे।