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जन्मदाता से अन्नदाता खफा, मतदाता भी हो सकते हैं प्रभावित

एक सप्ताह में तीन दिन हुई बारिश का बुरा प्रभाव किसान के खेत पर तो पड़ेगा ही साथ ही यह बेमौसमी बारिश चुनाव पर भी भारी पड़ सकती है। इस बारिश से चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवारों की नींद भी हराम हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 08:21 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 06:23 AM (IST)
जन्मदाता से अन्नदाता खफा, मतदाता भी हो सकते हैं प्रभावित
जन्मदाता से अन्नदाता खफा, मतदाता भी हो सकते हैं प्रभावित

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : एक सप्ताह में तीन दिन हुई बारिश का बुरा प्रभाव किसान के खेत पर तो पड़ेगा ही, साथ ही यह बेमौसमी बारिश चुनाव पर भी भारी पड़ सकती है। इस बारिश से चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवारों की नींद भी हराम हो रही है।

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बैसाखी से एक दिन पहले हुई बारिश से गेहूं की पकी हुई फसल पर बुरा प्रभाव पड़ा था। इसके कारण किसान बैसाखी पर गेहूं की कटाई शुरू नहीं कर पाया। गेहूं में नमी के कारण किसान की चिंता बढ़ गई थी। सरकार ने गेहूं में 12 फीसद नमी तय की है। लगातार तीसरे दिन हुई बारिश के कारण किसानों की उम्मीदों पर दोबारा पानी फिर रहा है। मंगलवार को हुई बारिश से खफा किसानों की चिंता बुधवार की बारिश ने ओर बढ़ा दी। मस्तगढ़, खेमकरन, कलस, नारली, महंदीपुर, गजल, कालिया, सकतरा, वां तारा सिंह, दोदे, सोढिया, कलसियां और पहुविंड में बारिश का असर देखा गया। इस क्षेत्र में गेहूं की फसल भले ही पकाई के करीब नहीं थी। परंतु दो दिनों की बारिश से फसल की कटाई करीब 10 दिन तक पछड़ गई है।

किसान सूबा सिंह, जोगिंदर सिंह, टहिल सिंह, हजूरा सिंह ने बताया कि बैसाखी के मौके गेहूं की कटाई शुरू करके दो सप्ताह में खेत खाली कर लिए जाते थे। इस बार गेहूं की कटाई लेट होने का असर चुनावों पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खेतों में खड़ी फसल को छोड़कर किसान चुनावी सरगर्मी में भाग नहीं ले सकेगा। कस्बा सुरसिंह, भिखीविंड, पहुंविंड, सूरविंड, मनियाला निवासी किसानों मंगल सिंह, जागीर सिंह, पलविंदर सिंह, सुरिदरपाल सिंह, गुरदेव सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि सरकार ने इस दफा गेहूं का दाम 1840 रुपये तय किया है। जबकि नमी का मात्रा 12 फीसद ही तय की गई है। मौजूदा मौसम को देखते हुए सरकार को चाहिए कि नमी की मात्रा बढ़ाकर 15 फीसद की जाए। कैप्टन ने नहीं दिया मुआवजा

गांव खारा, गंडीविंड धत्तल, हरीके पत्तन, पट्टी, सभरा, कोट बुड्ढा, चूसलेवड़ आदि गांवों में बारिश के कारण गेहूं की फसल जमीन पर बिछ चुकी है। किसान सौदागर सिंह, गुरनाम सिंह, प्यारा सिंह, मलूक सिंह व सुखदेव सिंह का कहना है कि धान की फसल से हमें घाटा हुआ था। उस समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने किसानों को मुआवजा देने का वादा किया था जो अभी तक पूरा नहीं किया गया। बारिश से नहीं होगा कोई बुरा प्रभाव

जिला परिषद अधिकारी हरिदरजीत सिंह का कहना है कि गेहूं की बिजाई के बाद मौसम के मिजाज को देखते हुए फसल पकने में कुछ देरी हुई है। मंगलवार व बुधवार को हुई बारिश के कारण गेहूं की पकाई में देरी जरूर हुई है। परंतु इस बारिश का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ने वाला। उन्होंने कहा कि गत वर्ष के मुकाबले इस बार गेहूं की फसल पर कोई संकट नहीं है। बल्कि पांच से सात फीसद झाड़ में बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि जिले में इस बार 1 लाख 70 हजार हैकटेयर रकबे में गेहूं की बिजाई हुई है।


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