खांसी और बुखार होने पर जरूरी नहीं कि यह है कोरोना के लक्षण
देश भर में कोरोना का दौर चल रहा है। सेहत विभाग द्वारा कोरोना से निपटने में जुटा हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि हर खांसी व जुकाम कोरोना के लक्षण नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : देश भर में कोरोना का दौर चल रहा है। सेहत विभाग द्वारा कोरोना से निपटने के लिए पूरे प्रबंध किए गए है। इस बीच मौसम में बदलाव आने से खांसी, बुखार और जुकाम की कई शिकायतें आने लगी हैं। ऐसे में डाक्टरों का कहना है कि जरूरी नहीं कि यह कोरोना के लक्षण हो। हां यह जरूरी है कि समझदारी से काम लिया जाए।
एसएमओ डॉ. इंद्रमोहन गुप्ता कहते है कि साल भर में पांच बार खांसी, बुखार और जुकाम होता है। पर इसका मतलब यह नहीं कि मरीज में कोरोना के लक्षण हो। बिना किसी डॉक्टर की सलाह के बिना दवाई खाना भी ठीक नहीं।
प्रत्येक दिन नहाएं, बासी खाना नहीं खाएं : डॉ. ईशा
डॉ. ईशा धवन कहती है कि बारिश के कारण मौसम में अभी भी नमी है। बासी खाने से परहेज जरूरी है। कोशिश करें कि घर से तैयार हुआ भोजन ही खाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन नहाना और कपड़े बदलना बहुत जरूरी है।
मच्छरों से भी रखें बचाव
डॉ. स्वर्णजीत धवन कहते है कि एक तरफ मच्छर के कारण पंखे लगाए जा रहे है, दूसरी तरफ ठंड से बचने लिए कंबल, रजाइयां ओड़ी जाती है। मच्छर से बचाव लिए घरों में स्प्रे जरूरी है। रात को सोते समय बाजू वाले कपड़े पहनने चाहिए, ऐसा करने से मच्छर से बचाव होता है।
फास्टफूड व अधिक ठंडा पानी न पिएं
डॉ. दिनेश गुप्ता कहते है कि फास्ट फूड, अधिक ठंडा पानी पीने से परहेज करना चाहिए। जुकाम, खांसी की शिकायत होने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना जरूरी है। यह जरूरी नहीं कि मरीज में कोरोना के लक्षण हो, फिर भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
डॉ. राणा रणबीर सिंह कहते है कि भीड़ वाली जगह पर जाने से परहेज किया जाए। जुकाम, खांसी की शिकायत पर मास्क पहना जाए। अच्छा हो कि खाना तैयार करते समय मास्क के साथ ग्लब्ज भी पहन लिए जाए। ऐसा करने से कई रोगों से मुक्ति मिलेगी।