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नशे ने ली बेटे की जान, पिता ने कफन पर लिखा पीएम को पत्र

पंजाब के तरनतारन में एक युवक की नशे की लत के कारण मौत हो गई। बेटे की मौत से दुखी पिता ने दूसरे नौजवानों को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए प्रधानमंत्री को बेटे की कफन पर पत्र लिखा है। यह पत्र प्रशासन के माध्‍यम से भेजा गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 27 Mar 2016 03:26 PM (IST)Updated: Mon, 28 Mar 2016 11:00 AM (IST)

तरनतारन, [धर्मवीर सिंह मल्हार]। बेरोजगारी से लड़ते-लड़ते जवान बेटा नशे की गिरफ्त में आ गया और अपनी जान गंवा दी। पिता पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा, लेकिन दूसरे नौजवानों को इससे बचाने के लिए उन्होंने आवाज उठाने की ठानी। उन्हाेंने बेटे के कफन पर पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नशे के खिलाफ नशे के गिरफ्त में जा रहे पंजाब के युवाओं को बचाने की गुहार लगाई है।

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हेराइन की डोज से पट्टी में 27 वर्षीय युवक की मौत

यह कदम उठाया है जिले के नौ लक्खी पट्टी शहर की श्री गुरु राम दास कालोनी के मुख्तार सिंह ने। उन्होंने बेटे के कफन पर पत्र लिखा पत्र ज्ञापन के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है। मुख्तार सिंह पावरकॉम में कार्यरत हैं। उनके 27 वर्षीय बेटे मंजीत सिंह उर्फ मन्ना की शुक्रवार रात हेरोइन की डोज से मौत हो गई। मन्ना बीए पास था, लेकिन नौकरी न मिलने के कारण नशे का आदी हो गया।

कफन पर प्रधानमंत्री के नाम लिखा ज्ञापन डीएसपी के देते मुख्तार सिंह व अन्य लोग।

बेटे की मौत से दुखी मुख्तार सिंह को नशे की भयावह को अहसास हुआ और उन्होंने तय किया कि अन्य लोगों के साथ ऐसा न हो,इसके लिए आवाज उठाने की सोची। उन्होंने तय किया कि वह अपना दर्द सरकार तक पहुंचाने के लिए बेटे के कफन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र लिखेंगे, ताकि नशे के सौदागरों से युवाअों को बचाया जा सके। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कफन पर लिखे ज्ञापन को सौंपने लिए वह एसडीएम कार्यालय गए। उनके साथ सैकड़ों लोग भी थे।

शहर में कराई मुनादी

नशे के कारण पट्टी शहर में कई युवा अकाल मौत मर चुके हैं। प्रशासन को ज्ञापन सौंपने से पहले मंजीत के पिता ने शहर में मुनादी करवाई। लोगाें को नश्ो की भयावहता से रूबरू कराने के लिए उन्होंने बेटे की नशे से मौत की यह मुनादी कराई। गुरु रामदास कॉलोनी से युवक का शव लेकर परिजन जब शनिवार को अंतिम संस्कार के लिए श्मशानघाट चले तो इसमें लोग शामिल होते गए।

पंजाब कांग्रेस के महासचिव हरमिंदर सिंह गिल, शहरी कांग्रेस अध्यक्ष दलबीर सिंह शेखों, पार्षद कुलविंदर सिंह बब्बा, सुखविंदर सिंह सिद्धू, आम आदमी पार्टी के नेता गुरमहावीर सिंह सरहाली, सीपीआइ के कामरेड महावीर सिंह और अन्य पार्टियों के नेता भी मंजीत की अंतिम यात्रा में शामिल हुए।

दुखी पिता कहता रहा- अपने बच्चों को बचा लो

शवयात्रा के दौरान मुख्तार सिंह लोगों से यही कहते रहे, 'अपने बच्चों को बचा लो। नहीं तो उनका हश्र भी मेरे मन्ना जैसा होगा।' मन्ना की अंतिम यात्रा के दौरान समाजसेवी संगठनों ने नेताओं के साथ नशे के खिलाफ जागरूकता की अलख जगाने का संकल्प लिया। ज्ञापन सौंपने के लिए लोगों को डेढ़ घंटे तक एसडीएम पट्टी अमनदीप सिंह के कार्यालय के बाहर इंतजार करना पड़ा।

अंत में एसएसपी मनमोहन कुमार शर्मा के आदेश पर डीएसपी दविंदर सिंह संधू ज्ञापन लेने पहुंचे, लेकिन उन्होंने ज्ञापन कागज पर लिखा होने की शर्त रखी। इससे गुस्साए लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उच्च अधिकारियों के दखल के बाद ज्ञापन डीएसपी ने स्वीकार किया।
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यह लिखा है पत्र में

प्रधानमंत्री जी व भारत सरकार! लाखों नौजवान पहले ही नशे की बलि चढ़ चुके हैं। आज मेरा जवान बेटा मंजीत सिंह भी नशे के कारण मौत का शिकार हो गया। मैं अपने पुत्र के शव पर डाला कफन प्रशासन के माध्यम से भारत सरकार को ज्ञापन के रूप में भेज रहा हूं, ताकि बाकी नौजवानों की जान बच सके।

- मुख्तार सिंह ( मंजीत सिंह मन्ना का पिता)।


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