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तरनतारन के सिविल अस्पताल में आई डिजिटल एक्सरे मशीन, अब बाहर से नहीं करवाना पड़ेगा

सिविल अस्पताल तरनतारन को अब डिजिटल एक्सरे मशीन मिल गई है। अब मरीजों को एक्सरे करवाने के लिए निजी सेटरों में नहीं जाना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 11:49 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 11:49 PM (IST)
तरनतारन के सिविल अस्पताल में आई डिजिटल एक्सरे मशीन, अब बाहर से नहीं करवाना पड़ेगा
तरनतारन के सिविल अस्पताल में आई डिजिटल एक्सरे मशीन, अब बाहर से नहीं करवाना पड़ेगा

जासं, तरनतारन : सिविल अस्पताल तरनतारन को अब डिजिटल एक्सरे मशीन मिल गई है। अब मरीजों को एक्सरे करवाने के लिए निजी सेटरों में नहीं जाना पड़ेगा। पीठ दर्द के मरीजों को निजी लैब से टेस्ट करवाने बदले तीन से 400 रुपये खर्च करने पड़ते थे। प्रत्येक दिन में पहले दस के करीब मरीजों को टेस्ट लिए निजी लैब में जाना पड़ता था। अब यहां उनके फ्री एक्सरे होंगे।

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हलका विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री ने यह मशीन उपलब्ध करवाकर वादा पूरा कर दिया है। उन्होंने अस्पताल को आधुनिक सुविधाओं से लैस करवाने के लिए सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू को मांगपत्र दिया था। नई डिजिटल एक्सरे मशीन से एक्सरे शुरू कर दिए गए हैं। इससे पहले पहले पीठ दर्द के मरीजों को एक्सरे करवाने के लिए निजी लैब में जाना पड़ता था।

वहीं सिविल अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा भी जल्द शुरू होगी। जिला बनने के 15 वर्ष बाद पहला अवसर होगा कि मरीज को सीटी स्कैन की सुविधा मिलेगी। अभी सीटी स्कैन करवाने के लिए मरीजों को निजी लैब में जाना पड़ता है। वहां पर सीटी स्कैन की फीस चार हजार से 4500 रुपये वसूल की जाती है।

एसएमओ डा. स्वर्णजीत धवन ने बताया कि आने वाले दिनों में सीटी स्कैन की सुविधा भी शुरू होने जा रही है। सिविल अस्पताल में प्रत्येक दिन में 700 के करीब मरीजों की रजिस्ट्रेशन होती है। कोविड महामारी के मद्देनजर जनरल रोगों के आपरेशन बंद थे। जो अब मंगलवार से चालू कर दिए गए हैं। सिविल अस्पताल में मेडिकल अधिकारियों, माहिर डाक्टरों, पेरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति लिए भी सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता की ओर से सरकार को लिखा गया है। फिरोजपुर के मरीजों को भी मिलेगा लाभ

सात करोड़ की लागत से सिविल अस्पताल में ट्रामा वार्ड का निर्माण किया जाना है। ट्रामा वार्ड की सुविधा जिले के इस अस्पताल को मिलती है तो पड़ोसी जिले के उन बड़े अस्पतालों की लूट से मरीजों को राहत मिलेगी। ट्रामा वार्ड में मरीजों के कटे अंग जोड़ने, सिर से संबंधित आपरेशन, सड़क हादसों व गोलीकांड का शिकार लोगों को तत्काल सेहत सुविधा मिल सकेगी। सीमावर्ती जिला फिरोजपुर के लोगों को भी इस ट्रामा वार्ड का लाभ मिलेगा, क्योंकि फिरोजपुर के सरकारी अस्पताल में अभी तक ट्रामा वार्ड का निर्माण नहीं हो पाया। जच्चा-बच्चा को भी बेहतर सुविधाएं

विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री ने कहा कि साढ़े आठ करोड़ की लागत से 100 बेड वाला जच्चा-बच्चा वार्ड बनवाया गया है। अब आने वाले दिनों में सात करोड़ की लागत से ट्रामा वार्ड बनाया जाएगा। आम तौर पर नवजात बच्चे को जन्म के बाद सांस लेने में दिक्कत आती है तो उसके लिए जच्चा-बच्चा वार्ड में आधुनिक मशीनों की व्यवस्था की गई है। कई मरीजों को पहले अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में रैफर किया जाता था। जच्चा-बच्चा वार्ड के शुरू होते ही अब मरीजों को (गर्भवती महिलाओं) बाहरी अस्पतालों में रेफर नहीं करना पड़ेगा।


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