पंथक किले में सेंध लगाने लिए चिंतन में जुटी कांग्रेस
तरनतारन लोकसभा हलका खडूर साहिब से प्रत्याशी का फैसला करने में के लिए कांग्रेस पार्टी चिंतन में जुट गई है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन
लोकसभा हलका खडूर साहिब से प्रत्याशी का फैसला करने में के लिए कांग्रेस पार्टी चिंतन में जुट गई है। इस हलके को शिअद का गढ़ माना जाता है। यहां से दो विभिन्न पार्टियों द्वारा महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। ऐसे में कांग्रेस को एक ऐसे चेहरे की तलाश है, जो पंथक वोट पर पकड़ मजबूत बना सके।
1977 के बाद यहां लोकसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी लगातार हारती आ रही है। पहले तरनतारन व अब खडूर साहिब के नाम से जाने जाते लोकसभा हलके में कुल नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। छह क्षेत्र तरनतारन, पट्टी, खडूर साहिब, खेमकरण, जंडियाला गुरु, बाबा बकाला माझा में आते हैं। मालवा की एक सीट जीरा व दोआबा दो विस सीटें कपूरथला व सुल्तानपुर लोधी इस हलके से संबंधित हैं। शिअद द्वारा पंथक गढ़ में एसजीपीसी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जगीर कौैर को मैदान में उतारा गया है, जबकि पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस द्वारा बीबी परमजीत कौर खालड़ा को टिकट दिया गया है। बीबी खालड़ा किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। दोनों महिला उम्मीदवारों की सरगर्मी को देखते हुए कांग्रेस का एक खेमा पूर्व विधायक जसबीर सिंह डिंपा से हाथ खींचने में लगा है। इस हलके से कांग्रेस के पास एक दर्जन नेता टिकट के दावेदारों में हैं। पंथक गढ़ में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस पार्टी किसी साबत सूरत चेहरे की तलाश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे चेहरों में कांग्रेस के दो विधायक लोकसभा में किस्मत अजमाने के लिए तैयार हैं। इनमें से पट्टी के विधायक हरमिंदर सिंह गिल व खडूर साहिब से रमनजीत सिंह सिक्की का नाम शामिल है। पिछले लोकसभा चुनाव में रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा से एक लाख मतों से हारने वाले हरमिंदर सिंह गिल पट्टी के क्षेत्र से आदेश प्रताप सिंह कैरों को हराने में सफल हुए थे। कैरों लगातार चार बार जीत दर्ज करवाकर बादल की सरकार में तीन बार कैबिनेट मंत्री बने थे। उधर, रमनजीत सिक्की खडूर साहिब से दूसरी बार विधायक बने हैं। वह अपने हलके को छोड़कर भुलत्थ हलके में सरगर्म हैं। यह वही हलका है जहां पर बीबी जगीर कौर 20 वर्षो से सरगर्म हैं।