निकासी नालों की नहीं हुई सफाई, बरसात में बन सकते हैं आफत
मौसम विभाग की मानें तो इस बार मानसून सही समय पर दस्तक दे सकता है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : मौसम विभाग की मानें तो इस बार मानसून सही समय पर दस्तक दे सकता है। जी हां..अगर ऐसा हो सकता है तो जिले के कई गांव बरसात की मार झेल सकते हैं। इसका कारण यह नहीं कि गत वर्ष के मुकाबले अधिक बारिश होगी। मानसून की आमद के मद्देनजर विभाग अभी भी लापरवाह ही है।
गांव झब्बाल, सोहल, मुरादपुरा, पंजवड़, कैरो, दोदे समेत डेढ दर्जन नाले जिले से गुजरते हैं। सबसे बड़ा निकासी नाला गुरदासपुर जिले से शुरू होकर पाकिस्तान के शहर कसूर जाता है। जिसके कारण इस निकासी नाले को कसूर नाले के नाम से जाना जाता है। यह नाला तरनतारन शहर की छह वार्डो से जुड़ा हुआ है। शहर की एक चौथाई आबादी उक्त नाले के आसपास है। वर्षो से इस नाले में बूटी का बोलबाला है। नगर कौंसिल के कर्मी इलाके की रोजाना सफाई करने के बाद सारी गंदगी और कूड़ा इस नाले में फेंक देते हैं। कसूर नाले में फैली गंदगी का मामला पूर्व सांसद मेजर सिंह उबोके द्वारा उठाया गया था। पर इसके बावजूद कसूर नाले की सफाई अभी तक नहीं हो पाई।
इसी तरह सचखंड रोड के समीप गुजरने वाले नाले के किनारे कूड़े का डंप बनाया गया है। शहर का प्रत्येक दिन का कूड़ा 25 से 27 टन होता है। नगर कौंसिल के पास कूड़ा डंप करने लिए अपनी जगह नहीं है। जिसके कारण कूड़ा अस्थाई तौर पर डंप करने लिए नाले का किनारा प्रयोग किया जा रहा है। तरनतारन शहर में वर्षो पहले करोड़ों की लागत से स्ट्राम सीवर डाला गया था। जिसके कारण बारिश के दिनों में शहर में पानी जमा नहीं होता। परंतु ड्रेन विभाग की ओर से अभी तक नालों की सफाई न करवाए जाने से खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ड्रेन विभाग के एक्सईएन महेश सिंह का कहना है कि आने वाले बरसाती मौसम के मद्देनजर विभिन्न नालों की सफाई लिए 80 लाख के टेंडर करवाए जा रहे हैं।
बैठक में कई बार उठाया है मामला
पूर्व पार्षद सतनाम सिंह मठाड़ू का कहना है कि उनका वार्ड कसूर नाले वाले हिस्से में आता है। वर्षो से कसूर नाले की सफाई नहीं करवाई गई। कसूर नाले की गंदगी से पीने वाले पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो रही है। मैंने कई बार नगर कौंसिल की बैठक में यह मामला उठाया, परंतु कोई असर नहीं हुआ। लिखा जा रहा है विभाग को
नगर कौंसिल ईओ शरनजीत कौर का कहना है कि बरसाती मौसम के मद्देनजर शहर से गुजरने वाले कसूर नाले की सफाई के लिए संबंधित विभाग को लिखा जा रहा है। साथ ही कसूर नाले के कमजोर पड़े किनारों पर ध्यान देने लिए भी कहा गया है, ताकि बरसात के मौसम में यह नाला आफत का कारण न बने।