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दर्शनी ड्योढ़ी को पुरातन स्वरूप देने लिए एसजीपीसी ने दी थी मंजूरी : बाबा जगतार सिंह

बाबा जगतार सिंह कार सेवा संप्रदाय ने स्पष्ट किया है कि पावन दर्शनी ड्योढ़ी को पुरातन स्वरूप देने लिए एसजीपीसी ने ही 12 जुलाई 2018 को प्रस्ताव पारित किया था लेकिन कार सेवा रोकने की कोई भी जानकारी नहीं दी गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 12:44 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 06:33 AM (IST)
दर्शनी ड्योढ़ी को पुरातन स्वरूप देने लिए एसजीपीसी ने दी थी मंजूरी : बाबा जगतार सिंह
दर्शनी ड्योढ़ी को पुरातन स्वरूप देने लिए एसजीपीसी ने दी थी मंजूरी : बाबा जगतार सिंह

जागरण संवाददाता, तरनतारन : बाबा जगतार सिंह कार सेवा संप्रदाय ने स्पष्ट किया है कि पावन दर्शनी ड्योढ़ी को पुरातन स्वरूप देने लिए एसजीपीसी ने ही 12 जुलाई 2018 को प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन कार सेवा रोकने की कोई भी जानकारी नहीं दी गई।

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बाबा जगतार सिंह के सेवकों बाबा महिदर सिंह, हरजीत सिंह, गुरमीत सिंह, बलवंत सिंह, दलबीर सिंह, जगदीप सिंह ने बताया कि बाबा गुरमुख सिंह, बाबा साधू सिंह, बाबा जीवन सिंह, बाबा दलीप सिंह, बाबा हरि सिंह के बाद बाबा जगतार सिंह धार्मिक कार सेवा करते आ रहे है। देश भर के विभिन्न धार्मिक स्थानों के अलावा पाक स्थित धार्मिक गुरुधामों की सेवा भी इसी संप्रदाय के हिस्से आती रही है। श्री दरबार साहिब तरनतारन के पावन दुख निवारण सरोवर व एतिहासिक ईमारत पर सोने और नक्काशी की कार सेवा भी एसजीपीसी ने सौंपी थी। 12 जुलाई 2018 के प्रस्ताव नंबर 550 मुताबिक दर्शनी ड्योढ़ी की ईमारत को खस्ता करार देकर इसे पुरातन स्वरूप मुताबिक तैयार करने की मंजूरी दी गई थी। रात के समय दर्शनी ड्योढ़ी के गुंबदों को तोड़ने के पीछे कोई गलत मंशा नहीं। दिन के समय वहां काफी गिनती में संगत होती है। फिर भी संगत को रोष है तो कार सेवा संप्रदाय सामूहिक संगत से माफी मांगती है।


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