पहली बरसात में ही बह गया संगरूर के गांव सारों में बनाया गया वाटर हार्वेस्टिग छप्पड़
गांवों को गंदे पानी के छप्पड़ों से निजात दिलाने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से गांवों में बनाए गए वाटर हार्वेस्टिग छप्पड़ मानसून की पहली बरसात का बोझ भी नहीं झेल पाए हैं।
मनदीप कुमार, संगरूर
गांवों को गंदे पानी के छप्पड़ों से निजात दिलाने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से गांवों में बनाए गए वाटर हार्वेस्टिग छप्पड़ मानसून की पहली बरसात का बोझ भी नहीं झेल पाए हैं। कई गांवों में यह छप्पड़ बरसात के पानी में बह गए हैं। मोटी रकम खर्च करके पंचायती राज के अधीन बने इन छप्पड़ों की क्वालिटी पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
संगरूर के नजदीकी गांव सारों की बात करें तो यहां पर वाटर हार्वेस्टिग छप्पड़ बिखर गया है। ग्रामीण भी इन छप्पड़ों की क्वालिटी को लेकर इलाके के लोक निर्माण मंत्री व पंचायती राज विभाग को घेर रहे हैं, क्योंकि इन छप्पड़ों से गंदे पानी की समस्या का हल तो क्या होना था, बल्कि छप्पड़ों के निर्माण के लिए खर्च किए गए फंड भी बर्बाद हो गए हैं। अब विभाग द्वारा इन छप्पड़ों की लीपापोती की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि संगरूर के नजदीकी गांव छप्पड़ में गत वर्ष लाखों रुपये की लागत से वाटर हार्वेस्टिग छप्पड़ बनाए गए थे। इन छप्पड़ों के साथ तीन कुएं बनाए गए थे, जहां से पानी साफ होकर आगे खेती या अन्य जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया जाना था। छप्पड़ के निर्माण के समय में ग्रामीणों ने उम्मीद जताई थी कि अब लोगों को गंदे पानी की समस्या से निजात मिल जाएगी, लेकिन कुछ दिन पहले हुई बरसात के दौरान छप्पड़ पानी में बह गया। छप्पड़ का एक कुआं जहां पूरी तरह से ढह गया, वहीं छप्पड़ की दीवारों में भी बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। इससे पहले भी इलाके के एक गांव में उक्त छप्पड़ ध्वस्त हो गया था।
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लोगों का आरोप, घटिया सामग्री का हुआ प्रयोग इलाका निवासी शमशेर सिंह, कश्मीर सिंह, प्रितपाल सिंह, दरबारा सिंह ने बताया कि गांव में करीब 26 लाख रुपये की लागत से वाटर हार्वेस्टिग छप्पड़ बनाया था। इस छप्पड़ के निर्माण में घटिया सामग्री का इस कदर इस्तेमाल किया गया कि अब बरसात होने पर छप्पड़ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। छप्पड़ के साथ बनाए गए कुएं की दीवार गिर गई थी व सारी मिट्टी किनारों से खिसकने के कारण छप्पड़ के किनारे टूट गए। ----------------------- बाईपास पाइपलाइन ही डालनी भूल गया ठेकेदार
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि बरसात आने के बाद ढेर हुए छप्पड़ बाबत पंचायती राज विभाग सफाई दे रहा है कि छप्पड़ के निर्माण के समय पानी के लिए बाईपास पाइपलाइन नहीं डाली जा सकी थी, जिस कारण बरसात का फ्लो तेज होने पर छप्पड़ ढह गया। ग्रामीणों ने कहा कि इसके लिए सीधे तौर पर संबंधित ठेकेदार व विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हैं, क्योंकि समय-समय पर प्रोजेक्ट की जांच करने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है। विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी बनती कार्रवाई की जानी चाहिए। ठेकेदार के साथ ही सबंधित अधिकारी भी इस लापरवाही के लिए बराबर के जिम्मेदार हैं।
---------------------- सकरौदी के छप्पड़ के भी ढहे किनारे
गांव सकरौदी के छप्पड़ के भी बरसात के दौरान किनारे ढह हो गए हैं। ग्रामीण हरदीप सिंह तूर, जगतारसिंह सकरौदी, जसकरण सिंह, सुखबीर सिंह, सतनाम सिंह, हरदीप सिंह, रणधीर सिंह, राजपाल सिंह, गुरप्रताप सिंह ने कहा कि गाव में बनाया गया पक्का छप्पड़ के किनारे बरसात के दौरान गिर गए हैं। इन छप्पड़ों को बनाने के समय में नीचे आधार न तो मजबूर किया गया है तथा न ही किनारों को मजबूत रखा गया है। ऐसे में मिट्टी खिसकने से छप्पड़ गिर रहे हैं,। इनकी जांच की जानी चाहिए। ---------------------
लोक निर्माण मंत्री के इलाके में ही धांधली जोरों पर : भराज आम आदमी पार्टी के यूथ विग की जिला प्रधान नरिदर कौर भराज ने प्रभावित गांव का दौरा करके छप्पड़ की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि गांवों में बनाए गए यह छप्पड़ पूरी तरह से कागजी जहाज साबित हो रहे हैं। पहली बरसात में ही छप्पड़ ढेर हो गया है, जबकि इस पर लाखों रुपये खर्च करने का दावा किया जा रहा है। लोक निर्माण मंत्री जहां हलके में युद्ध स्तर पर विकास करवाने के दावे कर रहे हैं, वहीं हर दिन विकास के नाम पर होने वाली धांधली सामने आ रही है। छप्पड़ के ढेर होने के पीछे साफ है कि इसके निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ है तथा इसके निर्माण में लापरवाही हुई है। हलके भर के गांवों में बने छप्पड़ों की किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाई जानी चाहिए और संबंधित ठेकेदार सहित जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
--------------------- करवा दी गई है मरम्मत, बरसात अधिक होने से हुई समस्या : शेरगिल पंचायती राज के एक्सईएन रणजीत सिंह शेरगिल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बरसात अधिक होने के कारण पानी का बहाव काफी तेज था। पानी के लिए बाईपास पाइपलाइन नहीं डाली हुई थी, जिस कारण छप्पड़ धंस गया है। इसकी मरम्मत करवाई जा रही है, ताकि जल्द से जल्द इस छप्पड़ को चालू कर दिया जाएगा।