Move to Jagran APP

सीध बोए धान के पौधों को विकसित होने के लिए 30 दिन का करें इंतजार : ग्रेवाल

जागरण संवाददाता संगरूर धान के सीजन 2020 दौरान जिला संगरूर के किसानों द्वारा करीब 21

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 03:42 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 10:13 PM (IST)
सीध बोए धान के पौधों को विकसित होने के लिए 30 दिन का करें इंतजार : ग्रेवाल
सीध बोए धान के पौधों को विकसित होने के लिए 30 दिन का करें इंतजार : ग्रेवाल

जागरण संवाददाता, संगरूर :

loksabha election banner

धान के सीजन 2020 दौरान जिला संगरूर के किसानों द्वारा करीब 21800 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की सीधी बिजाई की गई है। कोरोना के चलते धान के सीजन 2020 दौरान मजदूरों की कमी के कारण किसानों ने धान की सीधी बिजाई मे काफी दिलचस्पी दिखाई है। मुख्य खेतीबाड़ी अफसर संगरूर डा. जसविदरपाल सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सीधी बिजी फसल पर किसी किस्म की बीमारी भी नहीं है। वर्ष 2020-21 दौरान जिले में करीब 2.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बिजाई होने की संभावना है, जबकि वर्ष 2019 में 2.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बिजाई हुई थी। इस क्षेत्र में से करीब 800 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की सीधी बिजाई की गई थी। इस समय खेतीबाड़ी विभाग द्वारा गांव स्तर पर किसानों को तकनीक जानकारी मुहैया करवाई जा रही है, क्योंकि सीधी बिजाई वाला धान पहले तीस दिनों में अंकुरित नहीं करता है। यह पौधा अपनी जड़ को मजबूत कर रहा होता है, जिस कारण पौधे अच्छे दिखाई नहीं देते हैं। इसलिए किसान उन्हें जमीन में नष्ट कर देते हैं, जो गलत है, क्योंकि तीस दिन के बाद पौधा अंकुरित होने लगता है। इससे इसकी पैदावार अच्छी होती है। जिले के समूह फील्ड स्टाफ को हिदायत की आई थी कि जिन किसानों ने सीधी बिजाई की है, उनसे तालमेल कर नदीन की रोकथाम हेतु, छोटे तत्वों की कमी या खाद संबंधी जानकारी दी जाए। इसके अलावा इस संबंधी संबंधित ब्लॉक खेतीबाड़ी, अफसर खेतीबाड़ी विकास अफसर या मुख्य खेतीबाड़ी अफसर संगरूर के कार्याल्य टेलीफोन नंबर 89685-62858, डॉ. मनदीप सिंह डीपीडी आत्मा संगरूर से तालमेल कर जानकारी हासिल की जा सकती है। उन्होंने किसानों को अपील की कि कोविड के चलते बासमती की बाहरी देशों में काफी मांग है, इसलिए जिन किसानों ने बासमति लगानी है, वह अच्छी क्वालिटी की पैदा करने हेतु पंजाब सरकार द्वारा बासमति की फसलों की बिजाई करें। किसानों पाबंदीशुदा कीटनाशकों का इस्तेमाल न करें, ताकि किसानों को इसका अच्छा भाव मिल सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.