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कर्जे से परेशान था पूर्व सैनिक का परिवार, सल्फास निगली, पत्नी-बेटी समेत सास की मौत

नजदीकी गांव कुठाला में पूर्व सैनिक के परिवार ने आर्थिक तंगी व कर्जे से परेशान होकर सल्फास निगलकर खुदकुशी कर ली।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 05:57 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 05:57 PM (IST)
कर्जे से परेशान था पूर्व सैनिक का परिवार, सल्फास निगली, पत्नी-बेटी समेत सास की मौत

संवाद सहयोगी, मालेरकोटला (संगरूर) : नजदीकी गांव कुठाला में पूर्व सैनिक के परिवार ने आर्थिक तंगी व कर्जे से परेशान होकर सल्फास निगलकर खुदकुशी कर ली। मरने वालों में पूर्व सैनिक की पत्नी, उसकी बेटी व पत्नी की मां शामिल हैं। पुलिस ने गांव में पहुंचकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल मालेरकोटला भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल करने में जुट गई है।

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मृतका के चचेरे भाई जगमेल सिंह ने बताया कि उसका जीजा गुरप्रीत सिंह सैनिक था, जिसकी अढ़ाई वर्ष पहले मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद गुरप्रीत की पत्नी सुखविदर कौर, तीन बच्चे, सुखविदर की मां व सास इकट्ठे छह लोग घर पर रहते थे। उनकी बहन सुखविदर कौर पर काफी कर्जा हो गया था, जिसे लेकर वह परेशान रहती थी। शनिवार सुबह जब पड़ोसियों का लड़का घर पर पशुओं को हरा चारा डालने पहुंचा, तो किसी ने घर का दरवाजा नहीं खोला। जब उसने खिड़की में से झांककर देखा तो तीनों मृतक थे। उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। लोग इकट्ठा हो गए। सुखविदर कौर, उसकी मां गुरमेल कौर पत्नी मग्घर सिंह निवासी टिब्बा, अमनजोत कौर पुत्री स्व. गुरप्रीत सिंह की मौत हो गई। हादसे की सूचना पुलिस थाना संदौड़ प्रमुख इंस्पेक्टर यादविदर सिंह को दी गई।

एएसआइ हरविदर सिंह ने बताया कि चचेरे भाई जगदेव सिंह के बयान लेकर 174 कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के बाद शव वारिसों को सौंप दिए हैं।

बताने लायक है कि मृतक सुखविदर कौर का मायका गांव टिब्बा था। कोई भाई न होने से उसे पुश्तैनी नंबरदारी मिली हुई थी, उसका पति सेना से सेवानिवृत होकर आया था व उसकी बीमारी के कारण अढ़ाई वर्ष पहले मौत हो चुकी है। परिवार में अब सुखविदर की बेटी तरनजोत कौर व बेटा आदर्शजोत सिंह व सास माता कुलजीत कौर रह गए हैं। मृतकों के परिवार के नजदीकी रणजीत कौर ने बताया कि अमनजोत कौर ने गत माह ही आइलेटस की थी व वह विदेश जाना चाहती थी, लेकिन परिवार के पास इतनी रकम नहीं थी कि वह उसे विदेश भेज सकें। परिवार कर्जे के तले दबा हुआ था।


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