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स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों से नहीं मिले सीएम

फ्रीडम फाइटर्स उत्तराधिकारी संगठन पंजाब के प्रधान हरिदरपाल सिंह खालसा की अगुआई में स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों ने शहीद ऊधम सिंह के शहीदी दिवस समागम के दौरान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 07:00 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 07:00 PM (IST)
स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों से नहीं मिले सीएम
स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों से नहीं मिले सीएम

संवाद सूत्र, सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) : फ्रीडम फाइटर्स उत्तराधिकारी संगठन पंजाब के प्रधान हरिदरपाल सिंह खालसा की अगुआई में स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों ने शहीद ऊधम सिंह के शहीदी दिवस समागम के दौरान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वह स्वतंत्रता सेनानियों व उनके वारिसों को तीन सौ यूनिट बिजली बिना शर्त माफ करने के नोटिफिकेशन जारी करने की मांग कर रहे थे। स्वतंत्रता सेनानियों व उनके वारिसों की पुलिस के साथ धक्कामुक्की भी हुई। स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों ने शहीदी समागम के दौरान किसी भी सियासतदान को श्रद्धांजलि भेंट न करने देने का एलान किया। डीसी रामवीर, एसएसपी संगरूर व एसडीएम मनजीत कौर ने संगठन के पांच सदस्यों की मुख्यमंत्री से मुलाकात करवाने का भरोसा दिलाकर उन्हें अपने साथ ले गए, जहां उन्हें कमरे में बैठाकर रखा, जबकि मुख्यमंत्री समागम से वापस लौट गए। इससे गुस्साए स्वतंत्रता सेनानियों व उनके वारिसों ने आइटीआइ चौक में धरना लगाकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

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समागम के उपरांत हलका इंचार्ज दामन बाजवा ने स्वतंत्रता सेनानियों व उनके वारिसों से मुलाकात की। दामन बाजवा ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगी। पुलिस की धक्कामुक्की से प्रांतीय प्रधान हरिदरपाल सिंह खालसा की हालत बिगड़ गई, जिसे सिविल अस्पताल संगरूर में भर्ती करवाया गया।

यूनियन के प्रांतीय प्रधान हरिदरपाल सिंह खालसा, प्रांतीय सचिव मेजर सिंह बरनाला, मानसा के जिला प्रधान चेतन सिंह, बठिडा के प्रधान निर्भय सिंह व स्वतंत्रता सेनानी शमिदर कौर ने बताया कि पंजाब सरकार ने एक वर्ष पहले स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों व परिवारों को 300 यूनिट बिजली माफ करने का एलान किया था परन्तु अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। प्रदेश अध्यक्ष हरिदरपाल सिंह खालसा के नेतृत्व में बठिडा मुख्य सड़क पर समागम स्थल के कुछ दूरी पर धरना लगाकर यातायात रोक दिया। वारिसों ने आरोप लगाया कि उन्हें जलील किया जा रहा है, जबकि उनके बुजुर्गों ने देश की आजादी के लिए कुर्बानियां दी हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए प्रशासन ने धोखा किया। इस मौके पर रविदर सिंह नंगल, निर्मल सिंह, नाजम सिंह, मलकीत सिंह, बलविदर सिंह, लखविदर सिंह, भोला सिंह, गुरमीत सिंह, लक्खा सिंह आदि हाजिर थे।


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