धारा 35-ए को हटाने को लेकर राष्ट्रपति के नाम का एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
धूरी संगरूर धारा 35-ए को हटाने की मांग को लेकर भगवान वाल्मीकि दलित चेतना मंच द्वारा राष्ट्रीय प्रधान विक्की परोचा की अगुआई में एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन दिया गया। इस अवसर पर विक्की परोचा ने बताया कि वर्ष 1957 में जम्मू-कश्मीर में सफाई मजदूरों की हड़ताल होने के कारण पंजाब के कुछ जिलों में सफाई कर्मचारियों को जम्मू-कश्मीर का पक्का निवासी व राज्य के लोगों को मिलने वाली सभी सुविधाएं देने का वादा करके ले जाया गया था
जेएनएन, धूरी, संगरूर :
धारा 35-ए को हटाने की मांग को लेकर भगवान वाल्मीकि दलित चेतना मंच द्वारा राष्ट्रीय प्रधान विक्की परोचा की अगुआई में एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन दिया गया। इस अवसर पर विक्की परोचा ने बताया कि वर्ष 1957 में जम्मू-कश्मीर में सफाई मजदूरों की हड़ताल होने के कारण पंजाब के कुछ जिलों में सफाई कर्मचारियों को जम्मू-कश्मीर का पक्का निवासी व राज्य के लोगों को मिलने वाली सभी सुविधाएं देने का वादा करके ले जाया गया था ¨कतु संविधान की धारा 35-ए में उन्होंने सफाई कर्मियों को मौलिक अधिकारों से भी वंचित रखा गया। उन्होंने कहा कि 1947 के वितरण समय जम्मू-कश्मीर में जाकर रहने वाले ¨हदू व सिखों को भी धारा 35-ए का दुरुपयोग करते हुए मौलिक अधिकारों से वंछित रखा गया है, जबकि जम्मू-कश्मीर में ¨हदू व सिखों की आबादी करीब 10 लाख है। धारा 35-ए अनुसार वर्ष 1957 में बुलाए गए वाल्मीकि समाज के लोग जम्मू-कश्मीर के नागरिक नहीं हो सकते व उच्च शिक्षा करने के बावजूद भी केवल सफाई सेवक ही लग सकते हैं। ऐसा करके तत्कालीन सरकार ने इन लोगों से गैर संवैधानिक धोखा किया है। उन्होंने इसकी ¨नदा करते हुए देश के राष्ट्रपति के नाम एसडीएम दीपक रुहैला को ज्ञापन देकर मांग की कि धारा 35-ए को तुरंत हटाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा न हुआ तो देश स्तर पर मुहिम शुरु की जाएगी। इस मौके सर्वप्रिया अत्री, दर्शन ¨सह, दलवीर ¨सह, गोगी सहोता, जरनैल ¨सह, हैपी लंकेश, सती धूरी, अमन धूरी, अनिल कुमार, संजीव कुमार, विक्रम काला, विनोद कुमार, दीपक कुमार, शैंपी आदि उपस्थित थे।