अदालत के चौंकीदार ने क्वाटर में फंदा लगाकर की आत्महत्या
संगरूर स्थानीय संगरूर कोर्ट परिसर में चौकीदार के तौर पर तैनात 26 वर्षीय एथलीट नौजवान ने संगरूर शहर के बस स्टैंड समीप मौजूद हाउसिग बोर्ड कालोनी के क्वार्टर में शनिवार शाम को पंखे के हुक से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
संवाद सूत्र, संगरूर : स्थानीय संगरूर कोर्ट परिसर में चौकीदार के तौर पर तैनात 26 वर्षीय एथलीट नौजवान ने संगरूर शहर के बस स्टैंड समीप मौजूद हाउसिग बोर्ड कालोनी के क्वार्टर में शनिवार शाम को पंखे के हुक से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के दौरान युवक ने अपने क्वार्टर का मेन गेट अंदर से बंद कर लिया था। मौके पर पहुंची थाना सिटी संगरूर पुलिस क्वार्टर के गेट के कुंडे अंदर से तोड़कर क्वार्टर में दाखिल हुई। युवक द्वारा आत्महत्या करने की जानकारी मिलते ही जिला संगरूर अदालत से माननीय जज अजीतपाल सिंह ने भी मौके पर पहुंचकर जायजा लिया, जिसके बाद डीएसपी सतपाल शर्मा की निगरानी में पुलिस ने युवक के शव को कब्जे में लिया। साथ ही पुलिस ने युवक द्वारा आत्महत्या करने वाले कमरे में से एक नोटबुक रजिस्टर के पहले पन्ने पर लिखा सुसाइड नोट भी बरामद किया, जिसमें युवक ने अपनी जिदगी से निराश होकर आत्महत्या का कदम उठाने की बात लिखी। पुलिस ने रविवार को सिविल अस्पताल संगरूर में पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया।
जानकारी अनुसार सिदराज कुमार पुत्र प्रभदियाल कुमार निवासी अर्बन इस्टेट समाना संगरूर अदालत में चौकीदार के तौर पर तैनात था। शनिवार शाम को रोजाना की भांति उसे पर जाना था, लेकिन वह अपनी ड़्यूटी पर नहीं पहुंचा। साथी ने उसके फोन पर कॉल की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला तो साथी उसके घर पहुंचे। दरवाजा खटखटाने पर अंतर से कोई आवाज नहीं आई। दरवाजा अंदर से बंद होने के कारण उनसे शक हुआ तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर खिड़की में से देखा तो सिदराज का शव रस्से की मदद से पंखे की हुक से लटक रहा था। पुलिस ने नजदीक ही कमरे में एक पीले रंग की नोटबुक पर लिखा सुसाइड नोट भी बरामद किया व मोबाइल फोन इत्यादि कब्जे में ले लिए।
एसएचओ संजीव कपूर ने बताया कि सुसाइड नोट में सिदराज ने लिखा है कि वह यह काम (आत्महत्या) अपनी मर्जी से चल रहा है। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। वह अपनी जिदगी से उभ गया है। वह कुछ और करना चाहता था, लेकिन आठ-दस वर्ष से इसके लिए मेहनत नहीं की थी। उसने अपने सुसाइड नोट में अपने माता-पिता व भाई से माफी भी मांगी व अपने छोटे भाई से मां-बाप का ख्याल रखने की सलाह दी। उसने लिखा कि उसे पता है कि आत्महत्या करना बेवकुफी है, लेकिन जिदगी में कुछ भी बेहतर नहीं हो रहा है, जिस कारण वह आत्महत्या कर रहा है। डीएसपी सतपाल शर्मा ने कहा कि शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के उपरांत परिजनों को सौंप दिया गया है। पिता प्रभदियाल के बयानों पर पुलिस ने 174 धारा की कार्रवाई कर दी। एथलेटिक्स खिलाड़ी था सिदराज, करना चाहता था कुछ अलग
सिविल अस्पताल संगरूर में पहुंचे सिदराज के पिता प्रभदियाल ने बताया कि सिदराज एथलेटिक्स खिलाड़ी था। जिले के कई मुकाबले वह जीत चुका था। बीए आर्ट्स तक की पढ़ाई कर चुका था व अब दोबारा से बीए अन्य विषय में करना चाहता था। वह कुछ अलग करने की इच्छा रखता था और कई जगहों पर नौकरी के लिए अप्लाई भी कर चुका था, लेकिन कोई बढि़या नौकरी हाथ नहीं लगी थी। प्राइवेट तौर पर भी नौकरी कर चुका था। फिर उसे अदालत में चौकीदार की भर्ती का पता चला तो वह यहां चौकीदारी में भर्ती हो गया। करीब 13-14 माह पहले ही अदालत में चौकीदार के तौर पर तैनात हुआ था। शुक्रवार को ही उसने फोन पर परिजनों से बातचीत की थी, लेकिन उसकी बातों से ऐसा कुछ नहीं लग रहा था कि वह अंदर से किसी बात को लेकर परेशान हैं या दुखी है। उसने यह कदम क्यों उठाया, परिवार को उसके इस कदम ने हैरान कर दिया है। परिवार का मानना है कि एथेलीट होने के बावजूद कोई अच्छी नौकरी न मिलने की वजह से ही शायद वह परेशान था और इसी कारण उसने यह कदम उठाया। सिदराज के पिता ने कहा कि परिवार सिदराज की शादी के बारे में सोच रहा था, लेकिन उसने कभी बताया ही नहीं कि वह अपने भीतर ऐसे कोई दर्द लेकर जी रहा है। अगर उन्हें उसके इस दर्द की भनक होती तो परिवार उसे कभी भी अपनी नजरों से दूर न भेजते।