पुरानी मंडी बंद कर व्यापारियों ने पटियाला मार्ग किया जाम
संवाद सहयोगी, सुनाम ऊधम ¨सह वाला (संगरूर) : नगर कौंसिल द्वारा पुरानी अनाज मंडी के दुकानदार
संवाद सहयोगी, सुनाम ऊधम ¨सह वाला (संगरूर) : नगर कौंसिल द्वारा पुरानी अनाज मंडी के दुकानदारों को अवैध निर्माण हटाने संबंधी जारी किए नोटिस से लोगों में हडकंप मच गया व गुस्साए व्यापारियों ने तुरंत ही अनाज मंडी को बंद करके रोष प्रदर्शन शुरू कर दिया। बाद में व्यापारियों ने पटियाला मुख्य मार्ग पर चक्काजाम करके धरना शुरू कर दिया व धरने में सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानों की चाबियां रखकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, भाजपा के प्रदेश नेता विनोद गुप्ता, इंडस्ट्री चैंबर के जिलाध्यक्ष घनश्याम कांसल, कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष संजय गोयल, पुरानी अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रतिनिधि संदीप जैन, विजय मोहन ¨सगला, विक्रम गोयल, महाराजा अग्रवाल सभा के अध्यक्ष ईश्वर गर्ग आदि ने कहा कि व्यापारियों को जानबूझ कर तंग परेशान किया जा रहा है। जब तक प्रशासन उन्हें इंसाफ नहीं दिलाएगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। पुरानी अनाज मंडी बंद होने के कारण कारोबार बिल्कुल नहीं हो सका व गांवों में आए ग्राहक बैरंग लौटने को विवश हो गए।
कौंसिल ने जारी नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि माननीय हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण को हटाने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही नगर कौंसिल के वर्तमान हाऊस ने इस मामले को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव को निकाय विभाग ने खारिज कर दिया है। धरने को आप विधायक अरोड़ा ने दिया समर्थन
व्यापारियों के आंदोलन की सूचना मिलते ही आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व विधायक अमन अरोडा तुरंत अपनी टीम के साथ आंदोलन स्थल पर पहुंचे और धरने में शामिल होकर समर्थन करने का एलान किया। विधायक अरोड़ा ने कहा कि व्यापारियों के साथ किसी भी तरह की धक्केशाही को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि हरेक स्तर पर व्यापारियों के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं और अन्याय का डटकर मुकाबला किया जाएगा। विधायक ने कहा कि व्यापार तो पहले से मंदी की मार झेल रहा है और अब व्यापारियों को नए तरीकों से प्रताडित किया जा रहा है। आदेश का पालन किया जा रहा है : अपरपार सिंह
नगर कौंसिल के कार्यसाधक अधिकारी अपरपार ¨सह ने कहा कि माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर नगर कौंसिल की ओर से पुरानी अनाज मंडी में हुए अवैध निर्माण को हटाने के नोटिस जारी किए गए हैं। माननीय अदालत ने इस मामले में कड़े आदेश जारी किए हैं और उन्हीं आदेशों की पालना की गई है। इसके अलावा कौंसिल हाऊस के पारित किए एक प्रस्ताव को निकाय विभाग ने खारिज कर दिया है। जिसके तहत कारवाई करना लाजिमी बन गया है।