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अध्यात्मक विषय पर सेमिनार करवाया

बरनाला दयानंद केंद्रीय विद्या मंदिर में अध्यात्मक विषय पर सेमिनार करवाया गया। इस अवसर पर विद्धान महात्मा बसंत मुनि वेद स्नेही विशेष तौर पर उपस्थित हुए। उन्होंने अपने वक्तव्य में ईश्वर क्या है? सत्य क्या है? ईश्वर उपासना कैसे करनी चाहिए? जीवन व मृत्यु बारे आत्मा व कर्मफल बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जो प्रकृतक अनुसार संभव है वह सत्य है व वेदानुकूल है वेद ईश्वरीय ग्रंथ है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 04:08 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 04:08 PM (IST)
अध्यात्मक विषय पर सेमिनार करवाया
अध्यात्मक विषय पर सेमिनार करवाया

बरनाला वि : दयानंद केंद्रीय विद्या मंदिर में अध्यात्मक विषय पर सेमिनार करवाया गया। इस अवसर पर विद्वान महात्मा बसंत मुनि वेद स्नेही विशेष तौर पर उपस्थित हुए। उन्होंने अपने वक्तव्य में ईश्वर क्या है?, सत्य क्या है?, ईश्वर की उपासना कैसे करनी चाहिए?, जीवन व मृत्यु बार में, आत्मा व कर्मफल के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

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इस मौके पर उन्होंने बताया कि जो प्रकृति के अनुसार संभव है वह सत्य है व वेदानुकूल है, वेद ईश्वरीय ग्रंथ है। उनका प्रत्येक मंत्र उपदेश देता है। मंत्रों के अर्थों को जानकारी जीवन में धारण करके आदर्श जीवन बिता सकते है। ईश्वर सर्वशक्तिमान, सर्वगुणसंपन्न है, वह कभी जन्म नहीं लेता वह सर्वव्यापक है। जो जीव जन्म लेता है, वह ईश्वर नहीं है। हमें ईश्वर के गुणों को धारण करना चाहिए। इस अवसर पर राम कुमार सोबती, डायरेक्टर अनीता मित्तल, प्रि. वंदना गोयल, मैडम नीना सरीन, प्रवीन आनंद व समूह स्टाफ उपस्थित था।


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