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सांझा अध्यापक मोर्चा ने घेरा संगरूर रेस्ट हाउस, दो घंटे धरना

सांझा अध्यापक मोर्चा की अगुआई में पंजाब भर के अध्यापकों ने अपनी मांगों की पूर्ति के लिए रविवार को स्थानीय पीडब्ल्यूडी रेस्टहाउस के गेट के समक्ष धरना लगाया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 05:00 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 05:00 PM (IST)
सांझा अध्यापक मोर्चा ने घेरा संगरूर रेस्ट हाउस, दो घंटे धरना

जागरण संवाददाता, संगरूर

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सांझा अध्यापक मोर्चा की अगुआई में पंजाब भर के अध्यापकों ने अपनी मांगों की पूर्ति के लिए रविवार को स्थानीय पीडब्ल्यूडी रेस्टहाउस के गेट के समक्ष धरना लगाया। धरने के मद्देनजर रेस्टहाउस के भीतर ही दो घंटे कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला मौजूद रहे। इसके बाद अध्यापकों ने तहसीलदार को मांग पत्र सौंपा।

सांझा अध्यापक मोर्चा के प्रांतीय कनवीनर विक्रम देव सिंह, सुखविदर सिंह, हरजीत सिंह बसोता, सुरिदर कुमार, कृष्ण कुमार दुग्गा, प्रांतीय को-कनवीनर सुखजिदर सिंह, प्रांतीय नेता मलकीत सिंह ने एलान किया कि अध्यापकों व शिक्षा से संबंधित मसले का अगर हल न हुआ तो 29 अप्रैल को जिला स्तरीय धरना व एक जून को संगरूर में प्रांत स्तरीय धरना लगाया जाएगा। तहसीलदार अमित कुमार व डीएसपी सतपाल शर्मा ने शिक्षामंत्री के साथ तीन मई को पैनल बैठक तय करवाई। पैनल बैठक का समय मिलने के बाद सांझा अध्यापक मोर्चा ने अपना धरना समाप्त किया।

धरने के दौरान गुरप्रीत सिंह, पुष्पिदर सिंह, हरपाल सिंह, सुरिदर कंबोज, लक्ष्मण सिंह, गुरमीत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की निजीकरण, व्यापारीकरण पक्षीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पंजाब में लागू करके शिक्षा को उजाड़ने के प्रयास को तुरंत रद किया जाना चाहिए। तबादला करने के लिए 50 फीसद स्टाफ या सिगल अध्यापक की शर्त हटाई जानी चाहिए। इसके साथ ही सभी तबादलों को बिना शर्त लागू करने, तबादला प्रक्रिया का तीसरा राउंड जल्द आरंभ करने, स्कूल में खाली असामियों पर भर्ती प्रक्रिया को बिना देरी मुकम्मल करने, आनलाइन तबादला प्रक्रिया के बहाने मिडल स्कूलों की असामियों को खत्म करने का फैसला वापस लेने, तबादला नीति संबंधी मोर्चे के सुझावों पर अमल करने, सभी काडर की बकाया प्रमोशन के लिए 75 फीसदी कोटा बहाल रखने, राज्य भर के स्कूलों में खाली पड़ी सभी श्रेणियों की आसामियों को तुरंत भरने, कच्चे अध्यापक, नान टीचिग स्टाफ को विभाग में रेगुलर करने, पिकटस सोसायटी अधीन रेगुलर कंप्यूटर अध्यापकों को शिक्षा विभाग में मर्ज करने, स्कूलों में दाखिला बढ़ाने के लिए अध्यापकों को मानसिक तौर पर परेशान करना बंद करने, अध्यापकों की विक्टेमाइजेशऩ तुरंत रद करने की मांग की।

अध्यापकों ने 6वें पंजाब वेतन आयोग की रिपोर्ट तो तुरंत जारी करके डीए की किश्तों का बकाया जारी करने, एक जनवरी 2004 से लागू नई पेंशन स्कीम को रद करके पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने, बीपीईओ दफ्तर में शिफ्ट किए 228 पीटीआइ अध्यापकों को मिडल स्कूल में वापस भेजने, प्राइमरी में सेंटर स्तर पर पीटीआइ अध्यापकों की नई असामियां देने, प्राइमरी हेड अध्यापक की खत्म की गई 1904 पोस्टों को बहाल करने, कोरोना की आड़ में आनलाइन पढ़ाई को असल स्कूली शिक्षा के बदले में थोपना बंद करने, सरकारी स्कूलों को जल्द खोलने, सेशन 2019-20 व 2020-21 की दसवीं व बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं न लेने के कारण विद्यार्थियों से फीस के रूप में एकत्रित राशि तुरंत वापस करने की मांग की। इस मौके पर हरिदर सिंह मल्ली, निर्भय सिंह खाई, गुरप्रीत सिंह गुरु, अमृतपाल बाकीपुर, नारायणदत्त, अवातर सिंह नाभा, गुरमीत सिंह, गुरप्यार सिंह, देवी दियाल, जरनैल सिंह, विजय कुमार मानसा आदि उपस्थित थे।


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