यदि बेटियां हैं तो हम हैं: डॉ. किरणजोत
जागरण संवाददाता, संगरूर : हमारा आने वाला कल बेटियों की ¨जदगी से जुड़ा हुआ है, ¨कतु बे
जागरण संवाददाता, संगरूर :
हमारा आने वाला कल बेटियों की ¨जदगी से जुड़ा हुआ है, ¨कतु बेटों के मुकाबले बेटियों की निरंतर कम हो रही गिनती भविष्य में समाज के लिए ऐसे गंभीर असंतुलन पैदा होने के खतरे की तरफ इशारा कर रही है, जिसके प्रति गंभीर चिंतन की जरूरत है। यदि बेटियां हैं तो हम हैं।इन विचारों का प्रगटावा सिविल सर्जन डॉ. किरणजोत कौर बाली ने सिविल सर्जन दफ्तर में पीसी व पीएनडीटी एडवाईजरी कमेटी की बैठक दौरान किया।
डॉ. बाली ने कहा कि पीसी व पीएनडीटी एक्ट 1994 का मुख्य उद्देश्य अल्ट्रासाउंड तकनीक का गलत इस्तेमाल करने व बेटियों को कोख में मारने की सोच को खत्म करना है। जिला परिवार भलाई अफसर डॉ. र¨वदर कलेर ने कहा कि सेहत विभाग की तरफ से बेटियों के लिए कई मुफ्त सुविधाएं चलाई जा रही हैं। सरकारी अस्पतालों में 0 से 5 वर्ष तक की बेटियों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। अस्पतालों में मुफ्त डिलीवरी, मुफ्त टीकाकरण की सुविधा दी जा रही है। इसके साथ-साथ बेटियों की महत्ता संबंधी समय-समय जागरूक समागम भी करवाए जा रहे हैं। बैठक दौरान जिले में ¨लग अनुपाल संबंधी सदस्यों ने विचार करते बेटियों की महत्ता संबंधी लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने का फैसला लिया व पीसी व पीएनडीटी एक्ट को बढि़या ढंग से लागू करने व इस संबंधी विभिन्न मुद्दों पर विचार चर्चा की गई। इस मौके पर सहायक जिला अटार्नी गौरव दीवान, डॉ. पीएस कलेर, डॉ. किरणदीप कौर, डॉ. राहुल, बलराज ओबराय बाजी, ¨डपल कालड़ा, हरप्रीत ¨सह, विक्रम ¨सह आदि उपस्थित थे।