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आज खुलेगी किस्मत की पिटारी, सत्ता परिवर्तन के आसार

संगरूर जिला परिष व ब्लाक समिति चुनावों का परिणाम आज घोषित किया जाएगा, लेकिन यह परिणाम सत्ता में बड़ा परिवर्तन लेकर आएगा। परिणाम के बाद ही दल ब्लाक समिति चेयरमैनों व एक जिला परिषद के चेयरमैन का भविष्य तय करेगा। चुनावों के मतदान के दिन से ही कांग्रेस कई प्रकार के आरोपों में घिर गई थी, जिसका मसला अभी ठंडा नहीं हुआ है और नेताओं के बीच आरोप-पत्यारोपों का दौर जारी है। इस बार इन चुनावों का परिणाम पिछले परिणामों से अलग होगा, क्योंकि पिछली बार जहां चुनाव मैदान में शिअद-भाजपा व कांग्रेस में ही मुख्य मुकाबला था, वहीं इस बार आम आदमी पार्टी भी मैदान में उतरी। ऐसे में भले ही चुनावों का परिणाम कुछ भी हो, लेकिन आम आदमी पार्टी परिणाम के समीकरणों को बिगाड़ सकती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 07:01 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 07:01 PM (IST)
आज खुलेगी किस्मत की पिटारी, सत्ता परिवर्तन के आसार

जागरण संवाददाता, संगरूर :

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जिला परिषद व ब्लॉक समिति चुनावों का परिणाम आज घोषित किया जाएगा, सत्ता परिवर्तन के पूरे आसार बने हुए हैं। परिणाम के बाद ही दल ब्लाक समिति चेयरमैनों व एक जिला परिषद के चेयरमैन का भविष्य तय करेगा।

मतदान के दिन से ही कांग्रेस कई प्रकार के आरोपों में घिर गई थी, जिसका मसला अभी ठंडा नहीं हुआ है और नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का दौर जारी है। इस बार इन चुनावों का परिणाम पिछले परिणामों से अलग होगा, क्योंकि पिछली बार जहां चुनाव मैदान में शिअद-भाजपा व कांग्रेस में ही मुख्य मुकाबला था, वहीं इस बार आम आदमी पार्टी भी मैदान में उतरी। ऐसे में भले ही चुनावों का परिणाम कुछ भी हो, लेकिन आम आदमी पार्टी परिणाम के समीकरणों को बिगाड़ सकती है। पिछली बार जिला परिषद चुनावों के 21 जोन में से कांग्रेस के हाथ केवल एक ही सीट लगी थी, जबकि शिअद ने 20 सीटों पर कब्जा जमा था। आम आदमी पार्टी की बात करें तो ऐसे लगता है कि जैसे आम आदमी पार्टी ने इन चुनावों को कोई ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया। आप जिला परिषद के 23 जोनों में से मात्र 13 पर ही उम्मीदवार उतार पाई थी। ब्लॉक समिति के 193 सीटों पर से मात्र 50 उम्मीदवार मैदान थे। ऐसे में आप के इन चुनावों में कुछ खास कामयाबी हाथ लगती दिखाई नहीं देगी और पार्टी तीसरे नंबर ही संतोष करने को मजबूर हो सकती है।

उधर, भाजपा के हाथ जिला परिषद चुनाव में मात्र एक ही सीट पर मैदान में उतरी थी और वहीं पर उम्मीदवार के नामांकन पत्र रद हो गए। सीधे शब्दों में कहा जाए तो शिअद को बेशक इन चुनावों में सत्ता हाथ लगने वाली नहीं है, लेकिन फिर भी मुकाबले अकाली दल व कांग्रेस के ही बीच है। आम आदमी पार्टी को इन चुनावों के परिणाम के बाद खुद के लिए जमीन तलाशने की सख्त जरूरत होगी, क्योंकि आप का चुनावों प्रति ऐसा रवैया लोकसभा चुनावों पर भी प्रभाव डालेगा।


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