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बेरहमी से मार-पीट कर शरीर को लगाया करंट

संगरूर 30 दिसंबर पंचायती चुनाव की शाम को गांव फतेहगढ़ छन्ना में पो¨लग स्टाफ व पुलिस पर पथराव करने के आरोप में 125 व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज हुए मामले तहत गांव फतेहगढ़ छन्ना से गिरफ्तार किया गया 65 वर्षीय बुजुर्ग पर पुलिस के थर्ड डिग्री टार्चर करने का मामला सामने आया। जिला जेल संगरूर से बुजुर्ग को इलाज के लिए संगरूर, पटियाला व पीजीआई ले जाया गया व आपरेशन करवाने के बाद अब सिविल अस्पताल संगरूर में भर्ती करवाया गया है। बुजुर्ग का बेबस परिवार अपने पिता को इस हालत में देखकर खून के आंसु रो रहा है, लेकिन न तो पुलिस उनकी फरियाद सुन रही है व न ही बुजुर्ग की हालत में कोई सुधार हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 05:47 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 05:56 PM (IST)
बेरहमी से मार-पीट कर शरीर को लगाया करंट

संवाद सूत्र, संगरूर : 30 दिसंबर को पंचायत चुनाव के दिन शाम को गांव फतेहगढ़ छन्ना में पो¨लग स्टाफ व पुलिस पर पथराव करने के आरोप में 125 व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज हुए मामले के तहत गांव फतेहगढ़ छन्ना से गिरफ्तार किए गए 65 वर्षीय बुजुर्ग पर पुलिस के थर्ड डिग्री टार्चर करने का मामला सामने आया।

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जिला जेल संगरूर से बुजुर्ग को इलाज के लिए संगरूर, पटियाला व पीजीआइ चंडीगढ़ ले जाया गया व ऑपरेशन करवाने के बाद अब सिविल अस्पताल संगरूर में भर्ती करवाया गया है। बुजुर्ग का बेबस परिवार अपने पिता को इस हालत में देखकर खून के आंसू रो रहा है, लेकिन न तो पुलिस उनकी फरियाद सुन रही है व न ही बुजुर्ग की हालत में कोई सुधार हो रहा है। पीड़ित परिवार ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए मांग की कि उनके बुजुर्ग को थर्ड डिग्री टार्चर करने वाले पुलिस अधिकारियों व मुलाजिमों पर कार्रवाई की जाए। पुलिस के इस टार्चर से बुजुर्ग की हालत दिनों दिन बिगड़ रही है।

मामले की जानकारी देते हुए बुजुर्ग की पत्नी जसवंत कौर निवासी फतेहगढ़ छन्ना ने बताया कि पंचायत चुनाव के मतदान के लिए वह मतदान करके घर वापस आ गए थे। उसका पति 65 वर्षीय नरसी ¨सह पुत्र प्यारा ¨सह निवासी फतेहगढ़ छन्ना रात को अपने घर पर सो रहा था कि नौ बजे के करीब पुलिस के दर्जन भर से अधिक मुलाजिम आ पहुंचे व नर्सी ¨सह को सोते हुए उठाकर साथ ले गए। जब उन्होंने पुलिस को रोकने की कोशिश की व बुजुर्ग को उठाकर ले जाने के बारे में पूछा तो पुलिस मुलाजिमों ने उन्हें धक्का मारकर पीछे हटा दिया। पुलिस बुजुर्ग नर्सी ¨सह सहित गांव से इंद्रजीत ¨सह, दर्शन ¨सह, हरदीप ¨सह को भी उठाकर सीआईए स्टाफ बहादुर ¨सह वाला ले गई। उस रात पुलिस ने बुजुर्ग नर्सी ¨सह से सीआईए स्टाफ में मारपीट की व फिर अगले दिन थाना सदर संगरूर (बालियां) ले गए जहां बुजुर्ग नर्सी ¨सह को दो-तीन दिन रखकर जमकर मारपीट की गई। इसके बाद अदालत में पेश करके बुजुर्ग नर्सी ¨सह को जिला जेल संगरूर भेज दिया।

जेल में नहीं करवाई परिवार से मुलाकात, पीजीआई में करवाया भर्ती

नर्सी ¨सह के पुत्र मनजीत ¨सह ने कहा कि परिवार शनिवार को जिला जेल संगरूर मुलाकात करने गया, लेकिन मिलने नहीं दिया गया व सोमवार को आने को कहा। जब वह सोमवार को फिर मिलने गए तो जेल अधिकारियों ने कहा कि नर्सी ¨सह को बुखार है वह नहीं मिल सकता, बुधवार को आकर मिल लेना। बुधवार को फिर गए तो फिर मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद उन्हें सूचना दी गई कि नर्सी ¨सह की सेहत खराब है उस संगरूर से पटियाला व पटियाला से पीजीआइ में भर्ती करवाया गया है, जहां उसका ऑपरेशन हुआ है। पूरा परिवार पीजीआइ पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें बताया कि नर्सी ¨सह के सिर में कोई पुरानी चोट थी, जिसका पता सिटी स्कैन के बाद चला, इसलिए आपरेशन करवाया गया है। पीजीआइ से छुट्टी होने पर बुजुर्ग का इलाज अब सिविल अस्पताल संगरूर में करवाया जा रहा है। परिवार ने कहा कि नर्सी ¨सह को सिर में कोई चोट नहीं लगी थी। पुलिस ने लगाया करंट, किया थर्ड डिग्री टार्चर

परिवार ने बुधवार को सिविल अस्पताल में बातचीत के दौरान बताया कि नर्सी ¨सह सिविल अस्पताल धूरी में दर्जा चार मुलाजिम के तौर पर काम करते थे व सेवानिवृत्त होने के बाद ज्यादा समय घर पर ही रहते थे। पंचायत चुनाव के दिन जब पुलिस पर पथराव हुआ तो उस समय नर्सी ¨सह घर पर मौजूद थे, जबकि किसी ने बेवजह ही उसका नाम भी पर्चे में लिखवा दिया और पुलिस ने उसे घर से उठाकर थाने ले जाकर थर्ड डिग्री टार्चर दिया। पत्नी ने बताया कि वह उसे बता रहे हैं कि उसके साथ पुलिस ने बेरहमी से मारपीट की व बंदूक का बट उसके सिर में मारा। उसके शरीर पर कई जगहों पर पुलिस ने बिजली केा करंट भी लगाया। परिवार ने कहा कि पुलिस के अत्याचार के बाद से नर्सी ¨सह न तो ढंग से बोल पा रहा है और बेहद डरा हुआ है। पुलिस ने उस पर बेहद अत्याचार किया है, जिससे उसकी हालत काफी खराब हो गई है। मेडिकल करवाने भेजा था जेल, पूरी तरह था स्वस्थ

थाना सदर संगरूर के प्रभारी राकेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बुजुर्ग से न तो मारपीट की गई थी और न ही कोई थर्ड डिग्री दी गई है। हर व्यक्ति मेडिकल करवाने के बाद ही जेल में भेजा जाता है। मेडिकल में भी वह ठीक था। अगर जेल में उसकी हालत बिगड़ी है तो उसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। बीमार होने पर अस्पताल में करवाया था भर्ती

जिला जेल सुपरिटेडेंट मनजीत ¨सह टीवाना से बात करने पर उन्होंने कहा कि हवालाती नर्सी ¨सह ने सिर दर्द की शिकायत की थी, जिसे सिविल अस्पताल संगरूर ले जाया गया, जहां से उसे पटियाला रेफर कर दिया गया। पटियाला से पीजीआई रेफर करके डाक्टरों ने आपरेशन की जरूरत बताई और उसका आपरेशन करवा दिया गया। नर्सी के साथ कोई मारपीट हुई थी या नहीं इसके बारे में हमें कुछ नहीं पता।


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