पराली जला किसान अपनी ही करते हैं आर्थिक नुकसान
संगरूर कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी में धान की पराली को बिना जलाए, पराली के योग्य प्रबंधन के लिए गांव बिगड़वाल व मर्दखेड़ा के किसानों के लिए पांच दिवसीय सिखलाई प्रोग्राम का आयोजन किया गया। प्रोग्राम दौरान केंद्र के सहयोगी निर्देशक सिखलाई डा. मनदीप ¨सह ने कहा कि इस सिखलाई प्रोग्राम दौरान किसानों को धान की पराली से निपटने के लिए खेती मशीनरी के इस्तेमाल व गुर सिखलाई गए।
जागरण संवादताता, संगरूर :
कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी में धान की पराली को बिना जलाए, पराली के योग्य प्रबंधन के लिए गांव बिगड़वाल व मर्दखेड़ा के किसानों के लिए पांच दिवसीय सिखलाई प्रोग्राम का आयोजन किया गया। प्रोग्राम दौरान केंद्र के सहयोगी निर्देशक सिखलाई डा. मनदीप ¨सह ने कहा कि इस सिखलाई प्रोग्राम दौरान किसानों को धान की पराली से निपटने के लिए खेती मशीनरी के इस्तेमाल व गुर सिखलाई गए। साथ ही उन्हें पराली जलने से वातावरण व किसान की अपनी आर्थिकता पर होने वाले दुष्प्रभावों से अवगत करवाया गया। किसानों से अपील की कि पराली जलाने की बजाए, वह इसे खेतों में जोत कर जमीन की जैविक सेहत व मित्र कीड़ों को बचाया जा सकता है।
मुख्य खेतीबाड़ी अफसर डा. बलदेव ¨सह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस बार किसानों को पराली प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर जरूरत अनुसार खेती मशीनरी मुहैया करवाई जा रही है। किसानों से अपील की कि पराली को न जलाने का संदेश गांव-गांव तक पहुंचाएं। डा. जसबीर ¨सह गिल ने पीएयू हैपीसीडर, डॉ. जगदीश ग्रोवर ने मलचर, चौपर, पलटावे हल, डॉ. सतबीर ¨सह ने पशु पालन में पराली के इस्तेमाल, डॉ. र¨वदर कौर ने मशरूम की काश्त के लिए पराली के इस्तेमाल, डा. पवन कुमार ने हैपी सीडर से बिजी गेहूं में चूहे की रोकथाम, डॉ मोनिका चौधरी ने पराली जलाने के मानव सेहत व वातावरण पर होने वाले दुरप्रभावों, डॉ. र¨वदर ¨सह ने पराली वाले गीजर व पराली के बायो गैस प्लाट की महत्ता पर प्रकाश डाला। किसान निर्मल ¨सह लोंगोवाल व जगदीप ¨सह कनोई ने पराली को संभालने के लिए किए अनुभव सांझे किए।