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खस्ताहाल शहर के गंदे नाले, आसपास के लोगों के लिए बने सिरदर्दी

संगरूर शहर में शत फीसदी सीवरेज सुविधा की खातिर बेशक 10

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 05:30 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 05:30 PM (IST)
खस्ताहाल शहर के गंदे नाले, आसपास के लोगों के लिए बने सिरदर्दी
खस्ताहाल शहर के गंदे नाले, आसपास के लोगों के लिए बने सिरदर्दी

जागरण संवाददाता, संगरूर : शहर में शत प्रतिशत सीवरेज सुविधा की खातिर बेशक 108 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी की स्थापना की जा रही है, लेकिन शहर के बीच में से गुजरते गंदे नाले अभी भी शहर निवासियों के लिए बड़ी सिरदर्दी बने हुए हैं। गंदे नालों की पर्याप्त समय पर सफाई न होने के कारण यह नाले अक्सर बरसात के समय में आवरफ्लो होने से गंदा पानी आसपास की कालोनियों में जमा हो जाता है, वहीं नालों की हालत भी दिनों दिन खस्ताहाल होती जा रही है। आगामी महीनों में मानसून के दौरान लोगों को इस बार फिर गंदे नालों के कारण समस्या का सामना करना पड़ेगा।

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उल्लेखनीय है कि स्थानीय सरकारी रणबीर कॉलेज रोड व स्थानीय सुनाम रोड पर से गंदा नाला गुजरते हैं। रणबीर कॉलेज रोड के गंदे नाले के किनारे ढेर हो चुके हैं, जिस कारण गंदा पानी सरकारी रणबीर कॉलेज, जिला लाइब्रेरी, पशु अस्पताल सहित साथ लगती भाला बस्ती में दाखिल हो जाता है। विभाग द्वारा इसकी सफाई भी कभी कभार की जाती है, जिस कारण यह गंदगी से लबालब भरा रहता है। वहीं सुनाम रोड पर से गुजरते आधे गंदे नाले को कवर कर दिया गया है, जबकि बाकी नाला अभी भी खुला है। इस नाले पर हुए अवैध कब्जों के कारण इसकी निकासी पर्याप्त तरीके से नहीं हो पाती। नाले के साथ सटे संत नगर से लेकर पार्क सिटी कालोनी तक के इलाके के लोग बेहद परेशान हैं। गत वर्ष भी तेज बरसात के समय में इस नाले से पानी की निकासी न होने कारण पानी इस नगरों में जमा हो गया, जहां दर्जन भर घरों को भी नुकसान पहुंचा। बेशक नगर कौंसिल ने नाले पर बनी पुलिया को तोड़कर पानी की निकासी की रुकावट को हटा दिया, लेकिन नाले की समस्या का स्थायी हल नहीं हो पाया। मोहल्ला निवासी परेशान, नहीं समस्या का कोई हल

भाला बस्ती निवासी प्रवीण कुमार, सतवीर कुमार, गुलशन कुमार, प्रीतपाल सिंह ने कहा कि नाले को कवर करने के लिए कई बार मांग की गई है, ताकि इसके गंदे पानी की मार सहित गंदी बदबू से बचा जा सके, लेकिन नगर कौंसिल द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि नाले की सफाई पर भी विभाग पर्याप्त ध्यान नहीं देता। गंदगी नाले में ओवरफ्लो होकर उनके घरों तक पहुंच जाती है। बरसात के समय में इसका पानी आसपास के मोहल्ले सहित जेपी नगर, डॉ. अंबेदकर नगर में दाखिल हो जाता है। लोग नाले के साथ लगते कालेज की दीवार तोड़कर गंदे पानी की निकासी कॉलेज में कर देते हैं, जिस कारण कॉलेज का मैदान भी खराब हो चुका है। मोटर लगाकर होती है पानी की निकासी

जेपी नगर के समीप मौजूद सीवरेज पर गंदे पानी की निकासी के लिए मोटर इंजन लगाया गया है, जहां से मोटर चलाकर गंदे पानी इस नाले में डाला जाता है। इस इलाके का सीवरेज खस्ताहाल हो चुका है, जिस कारण जेपी कालोनी व साथ लगते इलाके में सीवरेज ओवरफ्लो हो जाते हैं। कहने को यह शहर की पाश कालोनी है, लेकिन यहां सीवरेज ओवरफ्लो होने की समस्या सबसे अधिक है। नाले को पक्का करने की योजना भी विचाराधीन

एक्सईएन अश्वनी कुमार का कहना है कि नाले की सफाई समय-समय पर नगर कौंसिल की ओर से करवाई जाती है, ताकि किसी प्रकार की समस्या पेश न आएं। नाले को पक्का करने की भी योजना विचाराधीन है। जल्द समस्या से निजात मिल जाएगी।


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