पंजाबी को लेकर केंद्रीय मंत्रियों की बयानबाजी निंनदीय : भट्ठल
लहरागागा पंजाबी भाषा के खिलाफ केंद्र सरकार के मंत्रियों द्वारा ब्यान देना निदनीय है।
जेएनएन, लहरागागा (संगरूर)
केंद्र सरकार एक राष्ट्र-एक भाषा का समर्थन करके राज्यों की भाषा की महत्ता को कम करने का प्रयास कर रही है। पंजाब के लोग की मातृ भाषा ही पंजाबी है, जिसके चलते लोग पंजाबी का समर्थन कर रहे हैं, जबकि केंद्र पूरे राष्ट्र में हिदी को लागू करना चाहती है। केंद्र सरकार का यह प्रयास बेहद निदनीय है। यह विचार पूर्व मुख्यमंत्री व पंजाब योजना बोर्ड की वाइस चेयरपर्सन राजिदर कौर भट्ठल द्वारा केसीटी कॉलेज फतेहगढ़ में लगाए रोजगार मेले दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लहरा व अनदाना ब्लॉक में अब तक तीन रोजगार मेले लग चुके हैं, जिसके तहत आज लगे मेले में एक हजार के करीब युवाओं को विभिन्न कंपनियों द्वारा नौकरी की पेशकश की गई। रोजगार मेले दौरान 569 युवाओं को रोजगार के नियुक्ति पत्र सौंपे गए। इस संबंधी उन्होंने कॉलेज के चेयरमैन मोंटी गर्ग द्वारा किए प्रबंधों पर खुशी व्यक्त की। संगरूर में बेरोजगार अध्यापकों द्वारा लगाए गए धरने व हुए लाठीचार्ज संबंधी कहा कि अपने हक के लिए शांतिपूर्वक धरने लगाना उनका हक है, लेकिन कोई भी व्यक्ति कानून को हाथ में नहीं ले सकता है। इसलिए अध्यापक यूनियन धरना देने की बजाय समय लेकर मुद्दे को हल करें। नशे संबंधी उन्होंने कहा कि पंजाब में चिट्टा नशा अकाली सरकार के समय से आया है, लेकिन कांग्रेस सरकार नशे खत्म करने के लिए बचनवद्ध है। मौके पर सचिव रविदर टुरना, मीडिया सलाहकार सनमीक सिंह हैनरी, ब्लॉक कांग्रेस प्रधान राजेश गर्ग भोला, केसीटी कॉलेज के चेयरमैन मोंटी गर्ग, जसवंत बड़ैच, राम गोपाल गर्ग, आलमजीत बड़ैच के अलावा जिला संगरूर व सब डिवीजन लहरागागा से संबंधित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। इनसेट
फोटो फाइल: 19 रोजगार मेले में बेरोजगार बीएड अध्यापकों ने की नारेबाजी
बेरोजगार टीईटी पास बीएड अध्यापकों द्वारा जीपीएफ कंप्लेक्स में बैठक के करने के पश्चात इलाके में लगे रोजगार मेले में पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। राज्य प्रेस सचिव रणदीप संगतपुरा, राज्य नेता गोरखा सिंह कोटड़ा, जिला प्रधान सुखविदर लहल, कुलदीप भुटाल ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा लगाए जा रहे रोजगार मेले लोगों से धोखा हैं, क्योंकि रोजगार मेले में दी जाने वाली नौकरी 6 से 7 हजार रुपये प्रति महीना ही होती है। इतनी कम वेतन में युवाओं का घर चलाना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि वह अध्यापक भर्ती होने के लिए जरूरी टेस्ट पास करने के बावजूद बेरोजगार हैं। सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी होने के कारण लोग स्कूल बंद करने को मजबूर हो रहे हैं। पंजाब में करीब 50 हजार टीईटी पास उम्मीदवार बेरोजगार हैं। दूसरी ओर करीब 30 हजार पद खाली पड़ी हैं। विधानसभा चुनावमें में मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा प्रत्येक घर नौकरी का वादा किया गया था, लेकिन अब वह बेरोजगार अध्यापकों से बैठक तक करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मांगों की प्राप्ति होने तक उपचुनाव के दौरान भी कांग्रेस पार्टी का विरोध जारी रहेगा।