खेत में बिछा पीला सोना काटने को नहीं मिल रहे मजदूर, खरीदार भी नदारद
संगरूर गेहूं के सीजन के दौरान इस बार मौसम की मार का किसानों को सामना करना पड़ रहा है। पहले मार्च माह के अंत तक मौसम सर्द रहने के कारण जहां गेहूं की फसल देरी से पकी वहीं पिछले दो दिनों से इलाके में हुई तेज बरसात ने किसानों की खून-पसीने की मेहनत पर पानी फेर दिया। जिला संगरूर में 2.
जागरण संवाददाता, संगरूर :
गेहूं के सीजन के दौरान इस बार मौसम की मार का किसानों को सामना करना पड़ रहा है। पहले मार्च माह के अंत तक मौसम सर्द रहने के कारण जहां गेहूं की फसल देरी से पकी, वहीं पिछले दो दिनों से इलाके में हुई बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया।
जिला संगरूर में 2.88 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई की गई है, जिसमें से 16 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार होने की उम्मीद है। खेतों से बरसात का पानी बेशक निकल चुका है, लेकिन अभी भी फसल नम है। खेत में पानी भरने व हवाएं चलने के कारण गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है, जिसे विभाग ने किसानों को काटने की जल्दबाजी बरतने से गुरेज करने की अपील की। वहीं गेहूं की फसल जमीन पर बिछने के कारण लेबर की मांग भी बढ़ेगी, क्योंकि इस फसल की कटाई हाथ से करवानी होगी।
उधर, अप्रैल माह के 18 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक अनाज मंडियां लगभग खाली ही पड़ी है, जहां फसल पहुंची है, वहां भी पिछले दिनों हुई बरसात में गेहूं भीग जाने कारण खरीद रुक गई है। उल्लेखनीय है कि जिला संगरूर में गेहूं की खरीद के लिए 212 खरीद केंद्र स्थापित स्थापित किए गए हैं। खरीद केद्रों में अभी तक सन्नाटा ही पसरा हुआ है। जिले भर की अधिकतर अनाज मंडियों में अभी इक्का-दुक्का ढेरी गेहूं की पहुंची है, जबकि कई खरीद केंद्रों में तो अभी तक गेहूं का दाना भी नहीं उतरा।
गांव बड़रुखां, मंगवाल, शादीहरी, कैंपर के किसान किसान प्रीतम सिंह, परमिदर सिंह, सरबजीत सिंह, निर्भय सिंह ने कहा कि उनकी फसल अब कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार थी। कंबाइन वाले से समय नहीं मिल रहा था, जबकि अगले दिन ही बरसात होने से सारी फसल बिछ गई। अब फसल की कटाई में कुछ दिन और इंतजार करना होगा, वहीं हाथ से कटाई के लिए लेबर भी तलाशनी होगी। जिसका खर्च अधिक होगा। पिछले वर्ष 689095 टन व इस बार 11651 टन गेहूं की पहुंची
सरकारी खरीद आरंभ हुए बेशक आधे माह का समय बीत गया है, लेकिन मौसम के कारण इस बार गेहूं की कटाई बैसाखी के बाद ही शुरू हुई। 18 अप्रैल तक जिला संगरूर के खरीद केंद्रों में मात्र 11651 टन गेहूं की ही आमद हुई है, जबकि गत वर्ष 689095 टन गेहूं की आमद संगरूर जिले की अनाज मंडियों में हो गई थी। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार गेहूं की आमद बेहद धीमी है। मंडियों में पहुंची फसल की नमी बढ़ी, रुकी खरीद
जिला संगरूर की अनाज मंडियों में पहुंचे 11651 टन गेहूं में से अभी तक मात्र 2016 टन गेहूं की ही खरीद हो पाई है, जबकि 9635 टन गेहूं की खरीद बाकी है। अनाज मंडी में पहुंची गेहूं भी भीग गई है, जिस कारण खरीद का काम रुक गया है। नियमों अनुसार 13 फीसद नमी वाली गेहूं की ही खरीद की जाएगी, जबकि मंडी में पहुंची फसल की नमी 15 फीसद तक हो गई है, जिस कारण खरीद नहीं हो पा रही है। किसान कई दिनों से मंडियों में बैठे हैं। किसान मेजर सिंह ने बताया कि उसकी फसल पूरी तरह से सूख चुकी है, लेकिन अभी तक खरीद नहीं हुई है। मंडियों में से नहीं होने देंगे लिफ्टिग
गेहूं के सीजन दौरान जहां मौसम की मार पड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ गेहूं की लोडिग-अनलोडिग के टेंडरों का विवाद अभी तक हल नहीं हुआ है। जिला ट्रक ऑपरेटर यूनियन के जिला प्रधान विपन शर्मा ने कहा कि ट्रक आपरेटरों ने टेंडरों का मुकम्मल बायकाट किया हुआ है। साथ ही किसी बाहरी प्राइवेट व्यक्तियों को मंडियों में से गेहूं के एक दाने की भी लिफ्टिग नहीं करने दी जाएगी। यह मामला उन्होंने कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला के समक्ष भी रखा था। प्रशासन से भी बातचीत जारी है, जिसकी बैठक कल होगी। अगर मसला हल न हुआ तो लिफ्टिग किसी कीमत पर होने नही दी जाएगी। इनसेट
गेहूं की बोली न होने पर नेशनल हाईवे किया जाम
खनौरी : खनौरी अनाज मंडी में विगत 10 दिनों से गेहूं की बोली न होने के रोष में शुक्रवार को किसानों ने मार्केट कमेटी दफ्तर का घेराव करने उपरांत दिल्ली-संगरूर नेशनल हाईवे पर चक्का जाम करके सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरने को संबोधित करते किसान बलवीर सिंह, सतविदर सिंह, दिलबाग सिंह, सुखविदर सिंह, अमृतपाल, हरप्रीत सिंह ने कहा कि अनाज मंडी में किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है व न ही किसानों की गेहूं की फसल की तुलाई हो रही है। उन्होंने कहा कि किसान पिछले 10 दिनों से मंडी में बैठे हैं किंतु अभी तक कोई सरकारी बोली नहीं हुई। किसानों ने कहा कि जब भी वह इस संबंधी मार्केट कमेटी के अधिकारियों को मिलने जाते हैं तो वहां किसानों की कोई सुनवाई नहीं होती। किसानों ने आरोप लगाया कि यह सारा आढ़तियों व खरीद एजेंसियों की मिलीभगत से हो रहा है। बारिश के समय दौरान आई फसल में नमी अधिक होने के कारण किसानों की फसल की तुलाई नहीं की जा रही। किसानों ने मांग की कि जो गेहूं की ढेरी सुखी है, उसे तोल दें जो गेहूं की ढेरी में नमी अधिक है, उसे न तोला जाए। लगभग दो घंटे चक्का जाम करने उपरांत मौके पर पहुंचे थाना खनौरी के एसएचओ ने धरनाकारियों को समझाया व खरीद चालू करवाने का विश्वास देने के बाद किसानों ने जाम खुलवाया।