कापी पंजाब के लिए---- परीक्षा सामाजिक शिक्षा की, स्कूलों में पहुंचा पंजाबी का पेपर
संगरूर शिक्षा विभाग संगरूर अपनी किसी ने किसी प्रकार की अनदेखी के कारण अक्सर ही चर्चा में रहता है। वीरवार को भी शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण आठवीं कक्षा के बच्चों के पास पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की सामाजिक शिक्षा के पेपर की बजाए पंजाबी विषय का पेपर हुंच गया। स्कूलों में जब अध्यापक परीक्षा केंद्र में बैठे आठवीं कक्षा के पेपर बांटने लगे तो अचानक पता चला कि आज परीक्षा तो सामाजिक शिक्षा विषय की है जबकि विभाग ने उनके पास पंजाबी विषय के परीक्षा पत्र भेज दिए हैं।
जागरण संवाददाता, संगरूर : शिक्षा विभाग संगरूर अपनी किसी ने किसी प्रकार की अनदेखी के कारण अक्सर ही चर्चा में रहता है। वीरवार को भी शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण आठवीं कक्षा के बच्चों के पास पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की सामाजिक शिक्षा के पेपर की बजाए पंजाबी विषय का पेपर पहुंच गया। स्कूलों में जब अध्यापक परीक्षा केंद्र में बैठे आठवीं कक्षा के पेपर बांटने लगे तो अचानक पता चला कि आज परीक्षा तो सामाजिक शिक्षा विषय की है, जबकि विभाग ने उनके पास पंजाबी विषय के परीक्षा पत्र भेज दिए हैं। संगरूर जिले के इलाके मूनक, सुनाम के 16 स्कूलों में पंजाबी के पेपर पहुंचने से बच्चों की सामाजिक शिक्षा की परीक्षा करीब दो घंटे देरी से शुरू हो पाई। सूचना मिलने पर शिक्षा विभाग संगरूर से स्टाफ ने स्कूलों में सामाजिक शिक्षा के पेपर पहुंचाए गए, जिसके बाद बच्चों ने परीक्षा दी। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी अपने विभाग के मुलाजिमों की इस अनदेखी छुपाते हुए नजर आए। शिक्षा अधिकारी ने तो ऐसी किसी भी प्रकार की गलती को नकारते हुए कहा कि किसी भी स्कूल में ऐसी कोई गलती नहीं हुई है, जबकि स्कूलों में परीक्षा ड्यूटी दे रहे स्टाफ ने खुद इसकी पुष्टि की कि गलती से सामाजिक शिक्षा की बजाए पंजाबी का प्रश्नपत्र स्कूलों में पहुंच गया है।
जानकारी अनुसार आज पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड का आठवीं कक्षा के बच्चों का सामाजिक शिक्षा की परीक्षा थी। परीक्षा देने के लिए बच्चे कक्षाओं में बैठ चुके थे। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बखोरा कलां, सरकारी हाई स्कूल अलीशेर, सरकारी हाई स्कूल चौटियां में सुबह जब सामाजिक शिक्षा का पेपर बांटने के लिए स्टाफ ने पैकेट खोले तो देखा कि पैकेट में सामाजिक शिक्षा की बजाए पंजाबी के पेपर थे। परीक्षा स्टाफ को इसकी भनक लगी तो तुरंत इस गलती बाबत उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई। कुछ स्कूलों से स्टाफ पंजाबी के पेपर वापस संगरूर लेकर पहुंचे, तो कहीं विभाग ने खुद पेपर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने का बंदोबस्त किया। परीक्षा दोपहर एक बजे की बजाए, साढ़े तीन बजे शुरू हुई। इस कारण विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एक अध्यापक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्कूलों में गलती से पंजाबी विषय का पेपर पहुंच गया, लेकिन स्टाफ ने पेपर बांटने से पहले की इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी।
जब जिला शिक्षा अफसर मोहन चंद्र जोशी से बाबत बात की गई तो उन्होंने ऐसी किसी भी गलती को मानने की बजाए अपने स्टाफ को बचाने की खातिर कहा कि ऐसी कोई गलती नहीं हुई है। सभी जगहों पर पेपर ठीक पहुंचे हैं।
उधर, जब शिक्षा मंत्री ओपी सोनी से बात की गई तो उन्होंने इस गलती को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इस गलती की जांच करवाई जाएगी। जो भी मुलाजिम इस गलती के लिए दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।