गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर किया नमन
संगरूर गुरुद्वारा महल मुबारक साहिब संगरूर में हिद की चादर श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी का शहीदी दिवस श्रद्घापूर्वक मनाया गया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के लड़ीवार पाठ के भोग डाले गए। गुरुद्वारा साहिब के प्रधान भुपिदर सिंह पूनीया व सतनाम सिंह दमदमी ने बताया कि समागम दौरान श्री दरबार साहिब अमृतसर से पूर्व मुख्य ग्रंथी जसवंत सिंह परवाना हजूरी रागी सोदागर सिंह व ढाडी जसवंत सिंह के जत्थे द्वारा कीर्तन व ढाडी वारें सुनाकर संगत को निहाल किया गया।
जागरण संवाददाता, संगरूर :
गुरुद्वारा महल मुबारक साहिब संगरूर में हिद की चादर श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी का शहीदी दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के क्रमवार पाठ के भोग डाले गए। गुरुद्वारा साहिब के प्रधान भूपिदर सिंह पूनीया व सतनाम सिंह दमदमी ने बताया कि समागम के दौरान श्री दरबार साहिब अमृतसर से पूर्व मुख्य ग्रंथी जसवंत सिंह परवाना, हजूरी रागी सौदागर सिंह व ढाडी जसवंत सिंह के जत्थे द्वारा कीर्तन व ढाडी वारे सुनाकर संगत को निहाल किया। भाई गुरसेवक सिंह ने कहा कि दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिद सिंह जी बचित्र नाटक में लिखते हैं कि धर्म के लिए साका जिन किया, शीश दिया पर सिरड़ ना दिया। जो दुनिया के इतिहास में कभी नहीं हुआ वह कर दिखाया। भोग पश्चात संगत को प्रसाद बांटने के बाद लंगर छकाया गया। आखिर में प्रबंधक कमेटी व बाबा बलजीत सिंह द्वारा आए समूह साधु संतों, गणमान्य, रागी, ढाडी व कीर्तनीय जत्थों को सम्मानित किया गया। गुरु का लंगर अटूट चलाया गया।
इस मौके निहाल सिंह, निरंजन सिंह, जगरूप सिंह, कुलवंत सिंह, गुरबचन सिंह, रणजीत सिंह, जगजीत सिंह, भूपिदर सिंह, बलविदर सिंह, तेजिदर सिंह, मेहर सिंह, जगगर सिंह, गुरप्रीत सिंह, शनी सिंह, जरनैल सिंह, करनैल सिंह, सुरिदपाल सिंह, सतनाम सिंह, आदि उपस्थित थे।