बच्चों ने दिया संदेश : पराली न जलाओ, हमें शुद्ध हवा में सांस लेने दो
संगरूर दैनिक जागरण व पंजाबी जागरण द्वारा चलाए जा रहे पराली नहीं जलाएंगे, पर्यावरण बचाएंगे मुहिम के तहत शनिवार को स्थानीय आदर्श माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों द्वारा शहर में जागरूकता रैली निकाली गई। जागरूकता रैली में बच्चों ने किसानों को पराली जलाने से पैदा होने वाले धुएं से बिगड़ रहे वातावरण व लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले असर के बारे में जानकारी दी। बच्चों ने किसानों से अपील की कि मौजूदा पीढ़ी खुले हवा में सांस ले सके, इसलिए पराली को आग न लगाएं।
जागरण संवाददाता, संगरूर :
दैनिक जागरण व पंजाबी जागरण द्वारा चलाए जा रहे पराली नहीं जलाएंगे, पर्यावरण बचाएंगे मुहिम के तहत शनिवार को स्थानीय आदर्श माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों द्वारा शहर में जागरूकता रैली निकाली गई। जागरूकता रैली में बच्चों ने किसानों को पराली जलाने से पैदा होने वाले धुएं से बिगड़ रहे वातावरण व लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले असर के बारे में जानकारी दी। बच्चों ने किसानों से अपील की कि मौजूदा पीढ़ी खुले हवा में सांस ले सके, इसलिए पराली को आग न लगाएं।
जागरूकता रैली स्थानीय आदर्श माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल संगरूर से आरंभ होकर शहर भर का दौर करके शहीद भगत ¨सह चौक में पहुंचकर संपन्न हुई। रैली दौरान बच्चों ने पराली न जलाएं, पर्यावरण बचाएं के नारे लगाए। रैली की अगुआई मुख्य प्रबंधक दिनेश गोयल, ¨प्रसिपल जोगी ¨सह, डायरेक्टर अरुण कुमार, उप ¨प्रसिपल विजय कुमार, अध्यापक मेवा ¨सह ने की। रैली दौरान कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी के डायरेक्टर डा. मनदीप ¨सह ने कहा कि पराली जलाने से केवल पर्यावरण को ही नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि पराली का जहरीला धुआं कई बीमारियों को जन्म देता है। सांस की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का सांस लेना मुश्किल हो जाता है, जिससे उनकी मौत भी हो सकती है। पराली को आग लगाने से जमीन के मित्र कीड़े भी जलकर मर जाते हैं, जिससे जहां जमीन की उपजाऊ शक्ति को नुकसान पहुंचता है, वहीं फसल का झाड़ भी कम हो जाता है। ऐसे में बच्चे ही किसानों को जागरूक करने में अहम रोल अदा करते हैं, क्योंकि पराली जलाने से होने वाला नुकसान सीधे तौर पर मौजूदा पीढ़ी पर हो रहा है।
मुख्य प्रबंधक दिनेश कुमार व ¨प्रसिपल जोगा ¨सह ने कहा कि दैनिक जागरण व पंजाबी जागरण की ओर से पराली न जलाने के प्रति किसानों को जागरूक करने का प्रशंसनीय अभियान आरंभ किया गया है, क्योंकि पराली जलाने से पर्यावरण हर वर्ष दूषित हो रहा है। इसे बचाने के लिए हर किसी को अपना सहयोग देना बेहद जरूरी है, ताकि शुद्ध हवा में सांस ले सकें। उन्होंने भविष्य मे भी इस अभियान में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाया।