फतेहवीर के संस्कार स्थल पर ही मिला खुला बोरवेल
संगरूर कोई और फतेहवीर भविष्य में खुले बोरवेल के बीच गिरकर मौत का ग्रास न बने इसलिए बेशक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने तुरंत प्रभाव पंजाब के समूह डीसी को 24 घंटे में अपने जिले को खुले बोरवेल बंद करवाने की सख्य हिदायत दी थी लेकिन यह हिदायत संगरूर के डीसी के कानों तक नहीं पहुंची। इसका सबूत इस बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार को गांव शेरों के जिस शमशानखाट के भीतर फतेहवीर सिंह का अंतिम संस्कार किया गया था उसके ठीक बाहर गेट के सामने ही खुला बोरवेल देखने को मिला।
जागरण संवाददाता, संगरूर
कोई और फतेहवीर भविष्य में खुले बोरवेल के बीच गिरकर मौत का ग्रास न बने, इसलिए बेशक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने तुरंत प्रभाव से पंजाब के समूह डीसी को 24 घंटे में अपने-अपने जिले में खुले बोरवेल बंद करवाने की सख्त हिदायत दी थी, लेकिन यह हिदायत संगरूर के डीसी के कानों तक नहीं पहुंची? इसका प्रमाण इस बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार को गांव शेरों के जिस श्मशानघाट में फतेहवीर सिंह का अंतिम संस्कार किया गया, ठीक उसके बाहर गेट के सामने ही खुला बोरवेल देखने को मिला। इससे प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है कि उसने फतेहवीर के हादसे से सबब नहीं लिया है। लोगों ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर करते हुए कहा कि प्रशासन अब अन्य हादसे का इंतजार कर रहा है। लोग इसी बोरवेल के समीप से गुजरकर रोजाना श्मशानघाट के भीतर आते-जाते है, लेकिन इस पर किसी ने आज तक ध्यान नहीं दिया।
इस बारे में ग्रामीण हरबंस सिंह, लक्ष्मण सिंह, रेशम सिंह, जसविदर सिंह ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही किसी भी समय किसी की जान पर भारी पड़ सकती है।
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फतेहवीर के घर की भांति ही बंधी मिली बोरी
श्मशानघाट के गेट पर मिले बोरवेल पर भी फतेहवीर सिंह के परिवार के खेतों में मौजूद बोरवेल की भांति ही बोरी बंधी मिली। इस बोरवेल का लेवल भी जमीन से मात्र कुछ इंच की ऊपर था, जिस कारण किसी भी समय कोई बच्चा इस बोरवेल में गिर सकता है। फतेहवीर के हादसे के बाद सचेत हुए लोगों ने फतेहवीर के संस्कार के दौरान इस पर ध्यान दिया और प्रशासन से मांग की है कि इसे तुरंत बंद किया जाए।