वेतन कटौती पर धागा मिल के श्रमिकों का प्रदर्शन, पथराव में एसडीएम व डीएसपी सहित तीन जख्मी
श्रमिकों ने वेतन कटौती को लेकर जमकर रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस पर भी पथराव किया गया। चार सौ से अधिक अज्ञात मजदूरों पर केस दर्ज किया गया है।
जेएनएन, मालेरकोटला [संगरूर]। अरिहंत धागा मिल में लेबर की तनख्वाह में कटौती करने को लेकर आरंभ हुआ विवाद गत देर शाम तक जारी रहा। सोमवार रात्रि मिल के तीन-चार सौ मजदूरों ने तनख्वाह के मसले को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और मिल परिसर से बाहर निकलने की कोशिश की। पुलिस द्वारा रोके जाने पर मजदूरों ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर पथराव कर दिया, जिससे एसडीएम मालेरकोटला विक्रमजीत सिंह पांथे, डीएसपी सूमित सूद व एएसआइ जसविंदर सिंह घायल हो गए। मंगलवार को दिनभर मिल परिसर में तनावपूर्ण माहौल बना रहा। पुलिस ने चार सौ से अधिक अज्ञात मजदूरों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
धागा मिल के मजदूरों का कुछ दिनों का वेतन काटा गया। इससे हंगामा शुरू हो गया। मजदूरों ने तर्क रखा कि उनके वेतन में कटौती कर दी गई, जबकि मिल के बाहर की लेबर को पूरी तनख्वाह दी गई है। कालोनी में मौजूद दुकान से उन्हें राशन भी अधिक कीमत पर बेचा जाता है। मिल प्रबंधकों की सूचना पर सोमवार रात को एसडीएम विक्रमजीत सिंह पांथे, डीएसपी सुमित सूद, डीएसपी अमरगढ़ करणबीर सिंह मौके पर पहुंच गए।
अधिकारियों ने एक बार तो मजदूरों को शांत करके क्वार्टरों में भेज दिया, मगर दोबारा मजदूरों ने एकत्रित होकर हंगामा शुरू कर दिया। गुस्से में मजदूरों ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर पत्थरबाजी कर दी। इस पर पुलिस ने भी हल्का लाठीचार्ज करके लेबर को खदेड़ा। रात को बिगड़ते हालात के मद्देनजर मिल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। मजदूरों की समस्याएं सुनने के लिए मंगलवार को एडीसी राजेश त्रिपाठी व एसडीएम मालेरकोटला विक्रमजीत सिंह पांथे फिर मिल में पहुंचे। देर शाम तक बैठक जारी रही, लेकिन कोई समझौता नहीं हो पाया।
मजदूरों की मांगें
- 18 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाए
- मिल के अंदर की दुकानों से दोगुने रेट पर राशन लेने के बजाय उनको बाहर से राशन खरीदने की इजाजत दी जाए
- मिल के कुछ अधिकारियों का तुरंत तबादला किया जाए
शरारती लोग माहौल कर रहे खराब : नीरज शर्मा
अरिहंत स्पीनिंग मिल के प्रतिनिधि नीरज शर्मा ने कहा कि मिल परिसर में रहने वाले करीब 1350 मुलाजिम को काम पर बुलाया गया। बीस फीसद मजदूर एक या दो दिन अनुपस्थित रहे तो कुछ मजदूर 15-17 दिन तक काम पर नहीं आए। इन सभी को वास्तविक उपस्थिति के अनुसार वेतन दिया गया। बंद रहने के दौरान भी प्रबंधन ने औसतन उपस्थिति के अनुसार वेतन दिया। कुछ शरारती व्यक्ति माहौल खराब करने की मंशा से हंगामा करवा रहे हैं। मसले के हल के लिए बातचीत जारी है।