पेट्रोल पंप मालिकों की अपील, किसान हटाएं धरना
जागरण संवाददाता संगरूर कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा पेट्रोल पंपों पर धरना खत्म करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, संगरूर :
कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा पेट्रोल पंपों पर लगाए गए पक्के मोर्चे के कारण 22 दिन से पंप बंद हैं। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के पदाधिकारी चमकौर सिंह को कारपोरेट कंपनी के पेट्रोल पंपों के मालिकों के वफद ने पंपों से धरने हटाने संबंधी किसान यूनियन पंजाब को ज्ञापन सौंपा। जिसमें पंप डीलरों ने किसानों से अपील की कि कंपनी केवल तेल का ही कारोबार करती हैं, धरने के कारण उनका भारी नुकसान हो रहा है, जबकि उनका खेती कानूनों से कोई संबंध नहीं है। न ही कंपनी का फसल या जमीन खरीदने में कोई संबंध है। ये पंप डीलरों द्वारा हिस्सेदारी व लोन लेकर लगाए गए हैं, जिसमें कंपनी का कोई भी खर्च नहीं हुआ है। ऐसे में पंप बंद होने से केवल डीलरों का ही नुकसान हो रहा है। इन पंपों से करीब अस्सी प्रतिशत डीलर खुद किसान हैं। पंपों पर काम करने वाले कर्मचारी भी गरीब परिवार से संबंधित हैं। अगर पंप लंबे समय तक बंद रहे तो आने वाले समय में मुलाजिमों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएंगी। इस कंपनी के जितने भी पेट्रोल पंप हैं वह गांव के नजदीक लगे हुए हैं, जितने भी छोटे किसान हैं वह पंप से तेल उधार उठाते हैं। अब वह किसान पंप बंद होने से मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पंप बंद होने से कंपनी या सरकारों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसलिए सभी डीलरों की यूनियन से अपील की कि वह जल्द पंपों से धरने खत्म करें। आज बठिडा, मानसा, बरनाला, संगरूर जिले सहित 19 पंप मालिकों के वफद ने किसानों से मुलाकात की। किसान नेता चमकौर सिंह नैनेवाल ने कहा कि शुक्रवार को चंडीगढ़ में सभी संगठनों की बैठक होगी। बैठक में अगला फैसला लिया जाएगा। पंप मालिक लक्ष्मी दास धौला ने कहा कि पंपों के समक्ष धरना उनके साथ सरासर धक्केशाही है। इस मौके पर संजीव बांसल, चंद्र कोटिया, प्रेम चंद, केशव गर्ग आदि उपस्थित थे।