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परमिंदर ढींडसा लहरागागा से लड़ेंगे चुनाव, पहली बार तकड़ी नहीं, टेलीफोन के लिए ढींडसा मांगेंगे वोट

लगातार पांच बार विधायक बने पूर्व वित्तमंत्री परमिदर ढींडसा 20 साल बाद तकड़ी के लिए नहीं बल्कि टेलीफोन के लिए वोट मांगेंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 11:11 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 11:11 PM (IST)
परमिंदर ढींडसा लहरागागा से लड़ेंगे चुनाव, पहली बार तकड़ी नहीं, टेलीफोन के लिए ढींडसा मांगेंगे वोट

सचिन धनजस, संगरूर : लगातार पांच बार विधायक बने पूर्व वित्तमंत्री परमिदर ढींडसा 20 साल बाद तकड़ी के लिए नहीं, बल्कि टेलीफोन के लिए वोट मांगेंगे। चार बार सुनाम व एक बार लहरागागा से विधायक रहे ढींडसा का मुकाबला कांग्रेस की दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बीबी राजिदर कौर भट्ठल से होने जा रहा है। ढींडसा ने 2017 के चुनावों में भट्ठल को करारी शिकस्त दी थी, लेकिन मौजूदा चुनावों में ढींडसा के लिए राह चुनौतियों भरी दिखाई दे रही है। मसलन, आगामी चुनावों में लहरागागा सीट हाट सीट के रूप में सामने आने वाली है।

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गौर हो कि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल के खिलाफ बगावत कर अपना अकाली दल संयुक्त बनाने वाले परमिदर ढींडसा लहरागागा में काफी मजबूत रहे हैं। विधानसभा चुनाव 2017 में जहां ढींडसा ने भट्ठल को 26815 मतों से शिकस्त दी थी, वहीं संसदीय चुनावों में बेशक अकाली उम्मीदवार होने के नाते परमिदर ढींडसा ज्यादातर हलकों से शिकस्त खा गए थे, लेकिन लहरागागा हलके से ढींडसा ने अपने प्रतिद्वंद्वी भगवंत मान को शिकस्त दी थी।

2000 में उप चुनाव से की राजनीति की शुरुआत

2000 में सुनाम के तत्कालीन विधायक भगवान दास अरोड़ा की मृत्यु के कारण हुए उपचुनाव में सुखदेव सिंह ढींडसा ने अपने पुत्र परमिदर ढींडसा को चुनावी अखाड़े में उतारा। तब ढींडसा को 49007 मत हासिल हुए, जबकि प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की उम्मीदवार परमेश्वरी देवी को 32296 मत मिले थे। 2002 में परमिदर ढींडसा ने सुनाम से अपनी कांग्रेसी प्रतिद्वंद्वी को 18675 मतों से शिकस्त दी, तो 2007 में अपने प्रतिद्वंद्वी अमन अरोड़ा को 10132 मतों से शिकस्त दी। फिर 2012 में अपने कांग्रेसी प्रतिद्वंद्वी अमन अरोड़ा को फिर से 4654 मतों से शिकस्त दी। 2017 में परमिदर ढींडसा ने अपना हलका बदला और लगरागागा से बीबी भट्ठल के खिलाफ दो-दो हाथ करने पहुंचे, जहां उन्होंने बीबी भट्ठल को 26815 मतों से शिकस्त दी। संसदीय चुनावों में भी अकाली दल ने परमिदर ढींडसा को चुनावी मैदान में उतारा। तब ढींडसा बेशक चुनावों में तीसरे नंबर पर आए, लेकिन लहरागागा हलके में उन्होंने भगवंत मान को करीब नौ हजार मतों से शिकस्त दी। आसान नहीं रहेगी राह

बेशक आंकड़ों के लिहाज से परमिदर ढींडसा काफी मजबूत दिखाई दे रहे हैं, लेकिन परमिदर के लिए राह ज्यादा आसान नहीं रहने वाली है। परमिदर को तब अकाली दल का पक्का वोट बैंक भी मिलता रहा है, लेकिन मौजूदा चुनावों में अकाली दल से अलग होकर चुनाव लड़ने की वजह से उन्हें मेहनत बेहद करनी होगी। अकाली दल की तरफ से संत गोबिद सिंह लोंगोवाल को चुनावी अखाड़े में उतारकर परमिदर की राह में रोड़े अटकाने का काम किया है, क्योंकि लोंगोवाल लहरागागा के कई गावों में अपना बड़ा जनाधार रखते हैं और अच्छा खासा वोट बैंक को प्रभावित करते हैं। दिड़बा (रिजर्व) से सोमा व सुनाम से मोखा उम्मीदवार

शिअद (संयुक्त) द्वारा शुक्रवार को घोषित किए गए उम्मीदवारों में दिड़बा (रिजर्व) से सोमा सिंह घराचों, सुनाम से सनमुख सिंह मोखा को प्रत्याशी बनाया गया है। सोमा जिला परिषद सदस्य भी हैं और पहली बार विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे हैं। सनमुख सिंह ने कुछ दिन पहले ही शिअद (संयुक्त) का दामन थामा है।


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