Move to Jagran APP

बंद होने की कगार पर मिड-डे-मील योजना, जुलाई के बाद नहीं मिली कुकिग कास्ट राशि

बच्चों के पोषण के लिए सेहत विभाग संतुलित खुराक माह मना रहा है वहीं स्कूलों में पढ़ते बच्चों को मिल रही मिड-डे-मील योजना सरकार की उदासीनता का शिकार होते हुए बंद होने की कगार पर पहुंचती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 05:00 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 05:00 PM (IST)
बंद होने की कगार पर मिड-डे-मील योजना, जुलाई के बाद नहीं मिली कुकिग कास्ट राशि
बंद होने की कगार पर मिड-डे-मील योजना, जुलाई के बाद नहीं मिली कुकिग कास्ट राशि

जागरण संवाददाता, संगरूर

loksabha election banner

बच्चों के पोषण के लिए सेहत विभाग संतुलित खुराक माह मना रहा है, वहीं स्कूलों में पढ़ते बच्चों को मिल रही मिड-डे-मील योजना सरकार की उदासीनता का शिकार होते हुए बंद होने की कगार पर पहुंचती जा रही है। तीन माह से स्कूलों को मिड-डे-मील स्कीम के तहत मिलने वाली कुकिग कास्ट की राशि नहीं मिल पाई है। स्कूल स्टाफ अपने स्तर पर राशि जमा करके पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों का पेट भर रहे हैं, लेकिन एक-एक दिन करके तीन माह का समय गुजर रहा है, कितु अभी तक राशि जारी नहीं हुई।

जिला संगरूर-मालेरकोटला की करीब तीन करोड़ तीस लाख की राशि बकाया है। ऐसे में 31 अक्टूबर तक ही बच्चों को मिड-डे-मील मिल पाएगी। राशि जारी न हुई तो एक नवंबर से स्कूलों में मिड-डे-मील स्कीम ठप हो जाएगी, जिसके बाद बच्चों को दोपहर का खाना नहीं मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मिड-डे-मील योजना के तहत दोपहर का खाना स्कूल में मुहैया करवाया जाता है। जिला संगरूर-मालेरकोटला में एक लाख पांच हजार छह सौ बच्चे इस योजना का लाभ ले रहे हैं। प्रतिदिन इन बच्चों को दोपहर का खाना प्रदान किया जाता है। इसके तहत पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए चार रुपये 97 पैसे प्रति बच्चा प्रतिदिन, छठी से आठवीं तक के बच्चे को सात रुपये 45 पैसे प्रति बच्चा प्रतिदिन की कुकिग कास्ट मुहैया करवाई जाती है। हर स्कूल को बच्चों की गिनती के आधार पर कुकिग कास्ट की राशि प्रदान की जाती है। जबकि स्कूलों को अनाज अलग तौर पर पनसप द्वारा मुहैया करवाया जाता है, जिसे कुकिग कास्ट में शामिल नहीं किया जाता। जिला संगरूर व मालेरकोटला के स्कूलों को मिड-डे-मील स्कीम तहत मिलने वाली कुकिग कास्ट राशि की अनुमानन हर माह एक करोड़ दस लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है, लेकिन जुलाई माह के बाद से अभी तक राशि नहीं मिली है। अगस्त, सितंबर व अक्टूबर माह की राशि स्कूलों को जारी न होने के कारण अब स्कूलों में बच्चों को मिड-डे-मील योजना का लाभ कुछ दिन ही मिल पाएगा। -----------------------

गैस सिलेंडर, सब्जी, मसाले के आसमान छू रहे दाम

डेमोक्रेटिक मिड-डे-मील कुक फ्रंट पंजाब की प्रांतीय प्रधान हरजिदर कौर लोपे ने कहा कि तीन माह से कुकिग कास्ट राशि नहीं मिली। इस राशि की मदद से गैस सिलेंडर भरवाने, सब्जी, मिर्च-मसाले इत्यादि खरीदने सहित अन्य जरूरत को पूरा किया जाता है, लेकिन तीन माह से राशि न मिलने के कारण इसका सारा बोझ स्कूल स्टाफ व कुक वर्करों पर हैं। गैस सिलेंडर, सब्जी व मसालों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में बिना कुकिग कास्ट राशि इस योजना को आगे बढ़ाना बेहद मुश्किल है। गैस सिलेंडर न भरे जाने पर लकड़ी जलाकर बच्चों के लिए खाना बनाने को मजबूर हैं। बढ़ती महंगाई के मद्देनजर सरकार प्रति बच्चा कुकिग कास्ट की राशि को बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है।

-----------------------

तीन माह से अपने स्तर पर उठा रहे खर्च

तीन माह से कुकिग कास्ट न मिलने के कारण स्कूलों के स्कूल अध्यापकों व स्टाफ ने कहा कि सभी को मिलजुलकर अपने स्तर पर इस खर्च को उठाना पड़ रहा है। महंगाई के इस दौर में खर्च उठाने से अध्यापक भी असमर्थ हो चुके हैं। हालात ऐसे बदतर हैं कि अब दुकानों से उधार राशन भी नहीं मिल पा रहा। ऐसे में अगर 31 अक्टूबर तक राशि जारी न की गई तो अध्यापक व स्टाफ सदस्य कुकिग कास्ट अपने स्तर पर उठाना बंद कर देंगे व एक नवंबर से मिड-डे-मील स्कीम को बंद कर दिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.