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जलियांवाला बाग नरसंहार व सुनाम के दरमियान का गहरा नाता

सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) ब्रिटिश हकूमत ने बैसाखी के दिन 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में सैंकडों निहत्थों पर गोलियां बरसाकर आजादी की मांग कर रहे देशवासियों की आवाज कुचलने का प्रयास किया था उस प्रयास को सुनाम निवासी ऊधम सिंह ने 21 वर्ष बाद ब्रिटिश हकूमत की मांद में घुसकर नेस्तनाबूंद कर दिया था। माइकल ओडायर को मारकर ऊधम सिंह ने इस नरसंहार का बदला लेने के साथ आजादी की जंग को प्रचंड किया था। जलियांवाला बाग के नरसंहार की शताब्दी के मौके पर महान शूरवीर ऊधम सिंह की शहादत को भी नमन किया जा रहा है। सुनाम में उनके पैतिृक घर में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने पहुंचकर शहीद को याद किया और सरकार से शहीद से जुडी अहम मांगें पूरी करने की अपील की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 05:40 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 10:26 PM (IST)
जलियांवाला बाग नरसंहार व सुनाम के दरमियान का गहरा नाता
जलियांवाला बाग नरसंहार व सुनाम के दरमियान का गहरा नाता

संवाद सहयोगी, सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) : ब्रिटिश हुकूमत ने बैसाखी के दिन 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में सैकड़ों निहत्थों पर गोलियां बरसाकर आजादी की मांग कर रहे देशवासियों की आवाज कुचलने का प्रयास किया था, उस प्रयास को सुनाम निवासी ऊधम सिंह ने 21 वर्ष बाद ब्रिटिश हुकूमत की मांद में घुसकर नेस्तनाबूत कर दिया था। माइकल ओडायर को मारकर ऊधम सिंह ने इस नरसंहार का बदला लेने के साथ आजादी की जंग को प्रचंड किया था। जलियांवाला बाग के नरसंहार की शताब्दी के मौके पर महान शूरवीर ऊधम सिंह की शहादत को भी नमन किया जा रहा है। सुनाम में उनके पैतृक घर में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने पहुंचकर शहीद को याद किया और सरकार से शहीद से जुड़ी अहम मांगें पूरी करने की अपील की।

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शहीद पर कई किताबें लिख चुके राकेश कुमार ने कहा कि लोगों के सहयोग व निजी से प्रयास से इस महान शहीद के जीवन से जुडी कुछ फाइलें तो इंग्लैंड से मंगवाने में सफल रहे हैं। लेकिन शहीद के जीवन का हिस्सा रही अनमोल वस्तुएं विदेशी म्युजियम में पडी हैं। जिनमें वह रिवाल्वर भी है जिससे माइकल ओडयार को मारा था। इसके अलावा किताबें, साहित्य, कपडे़ व अन्य सामग्री पड़ी है, जो कि देश की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत से कम नहीं है। विदेश मंत्रालय को इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। रिटायर्ड एसएसपी व लेखक हरदेव सिंह धालीवाल ने मांग की कि ऐसे महान के जीवन के हर पहलू से युवा पीढ़ी को अवगत करवाने की जरूरत है। दुनिया भर में बसे देशवासियों के लिए ऊधम सिंह व भगत सिंह की शहादत, असाधारण उदाहरण है।


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