गैस एजेंसी मालिकों के खिलाफ उपभोक्ताओं ने किया प्रदर्शन
मालेरकोटला (संगरूर) स्थानीय धूरी रोड पर स्थित इंडेन गैंस एजेंसी के बाहर उपभोक्ताओं ने एजेंसी मालिकों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। गांव बनभोरा निवासी कुलदीप ¨सह, गुरमेल कौर, गुरमीत कौर, गफ्फुरा, रणजी ¨सह, ब्शीर मोहम्मद, बलवीर ¨सह, अमरप्रीत कौर, चरणजीत कौर, नसीब कौर, राज¨वदर ¨सह, हरमन कौर ने कहा कि करीब चार माह पहले उनके पास से जसपाल ¨सह नामक व्यक्ति जिसने खुद को एजेंटी का मुलाजिम करार दिया था ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना के तहत पैसे लेकर फार्म भरे थे।
संवाद सहयोगी, मालेरकोटला (संगरूर)
स्थानीय धूरी रोड पर स्थित इंडेन गैस एजेंसी के बाहर उपभोक्ताओं ने एजेंसी मालिकों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। गांव बनभोरा निवासी कुलदीप ¨सह, गुरमेल कौर, गुरमीत कौर, गफ्फुरा, रणजी ¨सह, बशीर मोहम्मद, बलवीर ¨सह, अमरप्रीत कौर, चरणजीत कौर, नसीब कौर, राज¨वदर ¨सह, हरमन कौर ने कहा कि करीब चार माह पहले उनके पास से जसपाल ¨सह नामक व्यक्ति जिसने खुद को एजेंसी का मुलाजिम करार दिया था ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना के तहत पैसे लेकर फार्म भरे थे। आधार कार्ड इत्यादि ले लिया व अभी तक न तो उन्हें सिलेंडर मिलें और न ही उनके पैसे वापस किए। जब इन लोगों ने गैस एजेंसी मालिक से बात की तो उन्होंने भी जल्द सिलेंडर देने की बात कहकर लंबा समय गुजार दिया। एजेंसी न तो पैसे वापस कर रही है और न ही सिलेंडर इत्यादि दिया जा रहा है। आज वह सभी लोग इकट्ठा होकर अपने पैसे वापस लेने के लिए पहुंचे हैं, परंतु उनके पैसे वापस नहीं दिए जा रहे हैं। फार्म भरकर पैसे इकट्ठे करने वाले जसपाल ¨सह ने कहा कि उसे इंडेन गैस एजेंसी के प्रबंधकों ने ही उज्ज्वला गैस योजना स्कीम के तहत फार्म जमा करने के लिए लगाया था। प्रबंधकों के आदेशों पर ही फार्म भरने वाले से 180 रुपये लेकर फार्म कंपनी के पास जमा करवा दिए थे व गैस सिलेंडर देने का काम कंपनी का है। जब गैस एजेंसी प्रबंधक मोहम्मद सकील से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस योजना स्कीम के तहत फार्म भरने के समय किसी भी उपभोक्ता से पैसे नहीं लिए गए। स्कीम के तहत विभाग द्वारा मंजूर किए गए फार्मों अधीन उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर, चूल्हा, पाइप, रेगुलेटर मुफ्त दिया जाता है। वहीं लोग जिस जसपाल ¨सह को उनकी गैस एजेंसी का मुलाजिम करार दे रहे हैं, वह एजेंसी का कोई मुलाजिम नहीं है। उसे फार्म इकट्ठा करने के लिए प्रति फार्म दस रुपये एजेंसी की तरह से उसे दिए जाते थे। जसपाल ¨सह ने उनके पास केवल फार्म जमा करवाए हैं, जिन्हें विभाग की वैबसाइट पर डिस्पैच कर दिया है। उन्होंने एक मोबाइल फोन रिकार्डिंग का हवाला देते हुए कहा कि जसपाल ¨सह ने उपभोक्ताओं से पैसे लेने की बात कबूल की है व उसने माफी मांगते हुए उपभोक्ताओं के पैसे वापस करने की बात कही है।