आर्थिक पैकेज के नाम पर जन विरोधी कदम वापस ले सरकार : लोक मोर्चा पंजाब
सुनाम लोक मोर्चा पंजाब की बैठक गांव उगराहां के डेरे में हुई।
संवाद सूत्र, सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) : लोक मोर्चा पंजाब की बैठक गांव उगराहां के डेरे में हुई। बैठक में संगरूर व पटियाला जिलों के भारी गिनती में किसानों, मजदूरों, विद्यार्थियों, ठेका किरतियों, नौजवानों, विद्यार्थियों ने भाग लिया। लोक मोर्चा पंजाब की प्रदेश कमेटी सदस्य शीरीं ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा कोविड के संकट से निपटने के नाम पर जारी किए गए आर्थिक पैकेज के भ्रम को लोगों में उजागर करते कहा कि 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज पूरी तरह भ्रमित है, न सिर्फ यह मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे बड़े दावों से विपरीत है। आर्थिक सुधारों की बजाए कोविड संकट का समूचा बोझ किरती वर्ग पर गिराने की तरफ है। आर्थिक पैकेज के नाम पर पांच पड़ावों में जारी 20 लाख करोड़ की रकम पर्दे के पीछे लोगों को संकट की इस घड़ी में सरकारी खजाने में से दी जाने वाली सीधी वित्तीय सहायता केवल एक लाख करोड़ के करीब ही बनती है। इस नाममात्र राशि द्वारा कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान रोजगार गंवा चुके हैं व गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे भारत के किरती लोगों को कोई हकीकी सहारा देने की बात बेमायने है, यही नहीं इस आर्थिक पैकेज द्वार सभी क्षेत्रों द्वारा कारर्पोरेट की लूट के लिए खोले गए हैं। किरत कानून स्वतंत्र किए गए है, कार्पोरेट घरानों की जवाबदेही घटाई गई है। नियमों का उल्लंघन के रूप में उन्हें तय सजाओं से छूट दी गई है। पहले की गई घोषणाओं में किरतियों को वेतन की गारंटी करने के बयानों से इस पैकेज द्वारा पीछे हटा गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी कार्पोरेट पूंजी को मनचाही लूट करने की आजादी दी गई है। मुल्क की रीढ़ की हड्डी बनता खेती क्षेत्र भी पिछड़ता जा रहा है। हकीकत में यह आर्थिक पैकेज लोगों के लिए राहत पैकेज बनने की बजाए सार्वजनिक क्षेत्र को तबाह करने व कार्पोरेट घरानों के लिए सुरक्षित करने के आदेश जारी किए गए हैं।
लोक मोर्चा पंजाब के प्रदेश कमेटी सदस्य सतनाम सिंह दीवाना ने इस आर्थिक पैकेज के नाम पर उठाए जाने वाले सभी जन विरोधी कदम तुरंत वापस लेने, किरती लोगों को हकीकी राहत पहुंचाने के लिए बड़ी बजट राशि जारी करने, लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता देने, उनके रोजगार का प्रबंध करने, सभी किरत कानून बहाल करने, बड़े कार्पोरेट को राहत देने के स्थान पर उन पर भारी टैक्स लगाने, इकट्ठी हुई राशि को कोविड संकट में से निकलने के लिए बरतने की मांग की।