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अबला को सबला बना रही आजीविका मिशन

संगरूर पंजाब स्टेट रुरल लाईवहु्ड्ड मिशन (आजीविका) जिले के आर्थिक तौर को मदद मिल रही।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 11:46 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 11:46 PM (IST)
अबला को सबला बना रही आजीविका मिशन

जागरण संवाददाता, संगरूर

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पंजाब स्टेट रुरल लाईवहुड मिशन (आजीविका) जिले के आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। इस बारे में एडीसी ( विकास) राजिदर बत्रा ने बताया कि पंजाब स्टेट रुरल लाइवहुड मिशन का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवार की औरतों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने में सहायता करना व उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

उन्होंने बताया कि यह योजना जिला संगरूर के ब्लॉक सुनाम, संगरूर, लहरागागा, अन्नदाना (मूनक), भवानीगढ़, धुरी, दिड़बा व शेरपुर में चल रही है। जल्द ही मालेरकोटला-1 व 2 में भी स्कीम को लागू कर दिया जाएगा। संगरूर में अब तक 1911 सेल्फ हेल्प ग्रुपों, 127 ग्राम संगठनों व तीन ब्लॉक स्तरीय संगठन बनाकर 21,315 परिवारों की औरतों को समूहों से जोड़ा जा चुका, मिशन के अंतर्गत 1230 समूहों को 1.57 करोड़ रुपये रिवालविग फंड, 601 ग्रुपों को 3.25 करोड़ रुपये कम्यूनिटी इन्वेस्टमेंट फंड, 87 ग्राम संगठनों को 30 लाख रुपए स्टार्टअप फंड, 3.67 करोड़ की बैंकों से सीसीएल द्वारा वित्तीय सहायता दी जा चुकी है। रिसोर्स ब्लॉक सुनाम में स्टार्टअप विलेज एंटरप्रीन्योर प्रोग्राम लागू किया जा चुका है। प्रोग्राम के अंतर्गत 550 व्यक्तियों की पहचान करके स्वरोजगार के लिए 1. 77 करोड रुपये की सहायता मुहैया करवाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि मिशन आजीविका अधीन के अधीन औरतों को कुशल बनाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र, चंदन व आरसेटी द्वारा प्रशिक्षण दिलाई जाती है। इस प्रकार करती है आजीविका स्कीम कार्य

योजना के तहत गांवों की अति गरीब व गरीब महिलाओं पर आधारित सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए जाते हैं। इन ग्रुपों को पांच तरह की प्रणाली जैसे साप्ताहिक बैठक, बचत, आपसी लेनेदेने, कर्ज वापसी, बुक कीपिग का पालना करना होता है। पांच तरह का पालना करने पर माली सहायता के तौर पर 15000 रुपये प्रति ग्रुप रिवालविग फंड, 50,000 से 1 लाख 10 हजार रुपये प्रति ग्रुप कम्युनिटी व 35000 रुपये प्रति ग्राम संगठन को दफ्तर बनाने के लिए दिए जाते हैं। इसके अलावा ग्रुपों को बैंकों से जोड़कर कम ब्याज पर कर्ज उपलब्ध करवाया जाता है, जिससे इन ग्रुपों के सदस्य अपनी छोटी-छोटी जरूरतों जैसे कि बच्चों की पढ़ाई, बीमारी का इलाज व अपनी आमदन बढ़ाने के लिए आर्थिक गतिविधियां कर सकते हैं। ग्रुपों द्वारा तैयार सामान की लगाई जाती हैं प्रदर्शनी

प्रशिक्षण उपरांत ग्रुप सदस्यों द्वारा सामान तैयार करके केंद्र व पंजाब सरकार द्वारा लगाए जाने वाले सरस, किसान मेलों या अन्य लगने वाली प्रदर्शनियों में भाग लिया जाता है, जिसके अंतर्गत कंयुनिटी कैडर में से आइसीआरपी, विलेज फेसलीटेटर, पीआरपी बैंक मित्रा, बैंक सखी, कृषि सखी लगभग 150 ग्रामीण महिलाओं को रोजगार दिया जा चुका है। जल्द बनाया जाएगा फुलकारी सेंटर

जिला प्रोग्राम मैनेजर संगरूर स्टालिनजीत सिंह ने बताया कि ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग द्वारा ब्लॉक सुनाम के विकास के उद्देश्य के अंतर्गत भविष्य में फुलकारी सेंटर बनाया जाएगा, जिसके अंतर्गत 250 महिलाओं को फुलकारी बनाने संबंधित प्रशिक्षण देकर विभिन्न विभागों से जोड़कर रोजगार मुहैया करवाया जाएगा।


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