साधू के दर्शन मात्र से सफल हो जाता है जीवन
स्थानीय मैगजीन मोहल्ले में स्थित जैन स्थानक में धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी सियल महाराज ने कहा कि साधु के दर्शन मात्र से जीवन सफल हो जाता है।
जागरण संवाददाता, संगरूर
स्थानीय मैगजीन मोहल्ले में स्थित जैन स्थानक में धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी सियल महाराज ने कहा कि साधु के दर्शन मात्र से जीवन सफल हो जाता है। गुरु माली है, जो पौधे के समान अपने शिष्यों को पालता है। उसे सही दिशा दिखाकर प्रभु के चरणों से जोड़ता है। गुरु के बगैर न कोई जप है और न ही कोई तप है। सच्चे गुरु की अपने शिष्य पर कृपा ²ष्टि ही काफी है। इसी से उसका कल्याण हो जाता है। भजन के माध्यम से गुरु देवों को शीश झुकाकर गुणगान करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि सत्य की कमाई करनी चाहिए। गुरु के दरबार जाने से जीवन की नैया पार हो जाती है। महासाध्वी श्रमणी गौरव डा. चंदना महाराज ने कहा कि राजस्थान के श्रावक टोडर मल जैन एक बहुत बड़े साहित्यकार थे। उन्होंने मोक्ष मार्ग नाम का ग्रंथ लिखा। ग्रंथ लिखते समय उन्हें खाना पीना भूल गया। जब ग्रंथ पूरा हुआ तो टोडर मल ने कहा कि मां आज तुम खाने में नमक डालना भूल गई। मां ने कहा कि नमक तो हमेशा खाने में डाला जाता है। लेकिन आज तुम्हारा ग्रंथ मुकम्मल हो गया है। इसलिए तुम्हारा ध्यान ग्रंथ से हटकर खाने की तरफ हो गया है। महासाध्वी ने कहा कि सभी को अपना कार्य ध्यान व पूरी इकागरा से करना चाहिए। इसी से कल्याण होता है। धर्म को यदि समझना है तो दया, संतोष और ध्यान बेहद जरूरी है।