जमीन की नींव रखने से रोकने पर घेरा थाना
गांव खेड़ी में दलितों को वर्ष 1974 में पंचायती जमीन में से अलाट हुई दो एकड़ जमीन लगातार विवादों में चल रही है। जमीन पर मालकियत जताने वाले 60 दलित भाईचारे से संबंधित परिवारों ने जमीन पर दस-दस मरले के प्लाटों की नींव खोदने का काम कुछ दिन पहले शुरू किया था, लेकिन इसकी शिकायत थाना सदर संगरूर पुलिस के पास पहुंचने पर पुलिस ने नींव भरने के लिए लाई ईंटों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली कब्जे में ले ली। पुलिस ने दलित भाईचारे से संबंधित एक व्यक्ति जंगीर ¨सह व ईंटें लोड करने वाले व्यक्तियों को ट्रैक्टर-ट्रॉलियों सहित हिरासत में ले लिया। इसके चलते दलित भाईचारे ने थाना सदर संगरूर (वालियां) के समक्ष धरना लगाया।
जागरण संवाददाता, संगरूर : गांव खेड़ी में अनुसुचित जाति के लोगों को वर्ष 1974 में पंचायती जमीन में से अलाट हुई दो एकड़ जमीन लगातार विवादों में चल रही है। जमीन पर मालकियत जताने वाले 60 एससी भाईचारे से संबंधित परिवारों ने जमीन पर दस-दस मरले के प्लाटों की नींव खोदने का काम कुछ दिन पहले शुरू किया था, लेकिन इसकी शिकायत थाना सदर संगरूर पुलिस के पास पहुंचने पर पुलिस ने नींव भरने के लिए लाई ईंटों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली कब्जे में ले ली। पुलिस ने भाईचारे से संबंधित एक व्यक्ति जंगीर ¨सह व ईंटें लोड करने वाले व्यक्तियों को ट्रैक्टर-ट्रॉलियों सहित हिरासत में ले लिया। इसके चलते भाईचारे ने थाना सदर संगरूर (वालियां) के समक्ष धरना लगाया। सोमवार सुबह जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के नेता दर्शन ¨सह खेड़ी, जंगीर ¨सह, जगरूप ¨सह, जंग ¨सह, सुखदेव ¨सह, गुरदेव ¨सह व अन्य व्यक्तियों की अगुआई में थाना सदर समक्ष धरना दिया। उन्होंने कहा कि जमीन की जमाबंदी व इंतकाल उनके नाम पर है। वह लंबे समय से इस जमीन पर काबिज हैं व पंचायत इसे ठेके पर भी नहीं दे रही व न ही अदालत में कोई स्टे है। इस बार सरपंच रह चुकी रणजीत कौर, चरणजीत ¨सह, बल¨जदर ¨सह, इंद्रजीत ¨सह के अलावा अन्य व्यक्तियों के खिलाफ दरखास्त देकर उनके चलते कार्य को रोक दिया है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोगों ने चेतावनी देते कहा कि यदि उनका यह मामला जल्द हल न किया तो संघर्ष को तेज किया जाएगा।
दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद होगी कार्रवाई
इस संबंधी थाना सदर संगरूर के एसएचओ राकेश कुमार ने बताया कि पंचायत ने दावा किया है कि वह इस दो एकड़ प्लाटों वाली जमीन का केस जीत चुकी है। वह दोनों पक्षों को बुलाकर कागजात देखेंगे व दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद निष्पक्षता से इंसाफ दिया जाएगा।