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सीएए खिलाफ शाहिन बाग बना मालेरकोटला शहर

संगरूर केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जहां दिल्ली के शाहिन बाग ।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 10:38 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 06:10 AM (IST)
सीएए खिलाफ शाहिन बाग बना मालेरकोटला शहर
सीएए खिलाफ शाहिन बाग बना मालेरकोटला शहर

जागरण संवाददाता, संगरूर :

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केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जहां दिल्ली के शाहिन बाग में मुस्लिम संगठनों सहित अन्य संगठनों द्वारा पक्का मोर्चा लगाकर संघर्ष किया जा रहा है, वहीं पंजाब के मुस्लिम बाहुबल वाला इलाका मालेरकोटला भी शाहीन बाग में तबदील हो रहा हैं। सीएए खिलाफ संघर्षशील 72 संगठनों पर आधारित ज्वाइंट एक्शन कमेटी की अगुआई में नौ जनवरी से मालेरकोटला के सरहंदी गेट पर पक्का मोर्चा लगातार जारी है।

हर दिन मालेरकोटला से बाहर के संगठन सीएए के खिलाफ संघर्ष को समर्थन देने के लिए पहुंच रहे हैं। ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने एलान किया जब तक सीएए को रद नहीं किया जाएगा, तब तक संघर्ष जारी रखा जाएगा। 16 फरवरी को मालेरकोटला बंद का आह्वान किया गया है, जिसमें मालेरकोटला सहित पंजाब भर के संगठन शिरकत करेंगे। रोजाना मालेरकोटला के विभिन्न मोहल्लों के लोग भी कैंडल मार्च करके केंद्र सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हैं।

धरने दौरान ज्वाइंट एक्शन कमेटी पंजाब के कनवीनर मौलाना मुफ्ती मोहम्मद खलील कासमी ने कहा कि केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून के काले कानून का विरोध का काफिला लगातार बढ़ रहा है। पंजाब भर के विभिन्न हिस्सों से संगठन व हर वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं। 16 फरवरी को मालेरकोटला की अनाज मंडी में विशाल रोष रैली की जाएगी। इस रैली में विभिन्न मुस्लिम संगठनों सहित किसान, मजदूर, विद्यार्थी व अन्य संगठन शामिल होंगे। मालेरकोटला बंद के दौरान शहर का हर व्यक्ति शामिल होगा। काले कानून के खिलाफ संघर्ष की आवाज सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार असल मुद्दों से लोगों को भटकाने के लिए ऐसे काले कानून बना रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कानून को लागू नहीं होने देंगे। संघर्ष को ठंडा करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री एनआरसी, सीएए प्रति गलत बयान दे रहे हैं। मौलवी भी दे रहे हैं संघर्ष को समर्थन

सीएए खिलाफ आरंभ किए गए संघर्ष को प्रचंड करने के लिए संगठन जहां धरने व रोष रैलियां कर रहे हैं, वहीं मस्जिदों में बैठकों का सिलसिला भी जारी हैं। मुफ्ती-ए-पंजाब मुफ्ती इरतका उल कांधलवी ने कहा कि इलाके के सभी मौलवी भी इस संघर्ष में शामिल हो, इसलिए बैठकें करके उन्हें लामबंद किया जा रहा है। पिछले दिनों में भी रैलियां करके सीएए का विरोध किया गया है। बैठक करके सभी मौलवियों की जिम्मेदारी लगाई गई है कि वह अपने इलाके के लोगों सीएए के खिलाफ जागरूक करके रैली में शामिल करें, ताकि केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा सके। उमर खालिद ने भी की रैली

सीएए के खिलाफ चल रहे संघर्ष तहत तीन जनवरी को जेएनयू के पूर्व विद्यार्थी नेता उमर खालिद संबोधन करने के लिए पहुंचे थे। सीएए विरुद्ध हजारों की तादाद में शामिल हुए कार्यकर्ताओं ने रोष जाहिर किया। 18 जनवरी को दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ की छात्रा स्वाती, दिल्ली से मानव अधिकार की कार्यकर्ता जुलेखा जाबीन, दिल्ली हाईकोर्ट से वकील तनवीर खान, पीएसयू की राष्ट्रीय प्रधान हरदीप कौर कोटला, हरशरण कौर, एडवोकेट जरका जाफरी व तानिया तबसुम की अगुआई में भी विशाल रोष रैली आयोजित की गई थी। 25 जनवरी को सीएए के खिलाफ मालेरकोटला पूर्ण तौर पर बंद रहा। 786 चौक मोहल्ले ने निकाला मार्च

ज्वाइंट एक्शन कमेटी के क्रमवार संघर्ष तहत वीरवार को मोहल्ला चोहत्ता मलेर व 786 चौक मोहल्ले के लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ जताया। इस रोष मार्च में ज्वाइंट एक्शन कमेटी, राष्ट्रीय वेलफेयर मूवमेंट, जमीअत उल उलमा हिद, सहारा वेलफेयर क्लब, सहारा वेलफेयर सोसायटी, जमानत-ए-सलाहित हिद, जमानत-ए-अहल्लाह-ए-अदब, सिख मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के कार्यकर्ताओं ने शिरकत की।


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