कोविड ने जाम किए फंड, मानसून के सीजन में घग्घर फिर मारेगा उफान
संगरूर कोविड आपदा की मार इस बार मानसून के मद्देनजर बरसाती नालों सीवरेज व घग्घर दरिया की साफ-सफाई के बजट पर भी पड़ेगी। मानसून पंजाब के इलाके में सही समय पर दस्तक देगा जबकि अभी तक संगरूर जिले में नाले ड्रेन व घग्घर की साफ-सफाई का बजट नहीं पहुंचा है। इसका खामियाजा मानसून के सीजन के दौरान आम जनजीवन को भुगतना पड़ेगा क्योंकि अभी बजट मिलने का कोई आसार भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। बेशक ड्रेनेज विभाग ने साफ-सफाई का टैंडर अप्रैल के माह के अंत में लगा दिया था लेकिन अब बजट ग्रांट का इंतजार है।
मनदीप कुमार, संगरूर
कोविड आपदा की मार इस बार मानसून के मद्देनजर बरसाती नालों, सीवरेज व घग्घर दरिया की साफ-सफाई पर भी पड़ेगा। मानसून पंजाब के इलाके में सही समय पर दस्तक देगा, जबकि अभी तक संगरूर जिले में नाले, ड्रेन व घग्घर की सफाई का बजट नहीं पहुंचा है। इसका खामियाजा मानसून के सीजन के दौरान आम जनजीवन को भुगतना पड़ेगा, क्योंकि अभी बजट मिलने का कोई आसार भी दिखाई नहीं दे रहे है। बेशक ड्रेनेज विभाग ने साफ-सफाई का टेंडर अप्रैल के के अंत में लगा दिया था, लेकिन अब ग्रांट का इंतजार है। संगरूर जिले के मूनक, खनौरी इलाके को जहां घग्घर दरिया से अधिक खतरा है, वहीं अन्य इलाके में सीवरेज की सफाई, बरसाती नालों की सफाई के अभाव का खामियाजा भुगतना होगा।
उल्लेखनीय है कि मानसून की दस्तक का समय आ गया है, कितु अभी तक जिले भर मे बरसाती नालों, घग्घर दरिया की सफाई का काम आरंभ नहीं हुआ है, जिसकी मुख्य वजह है कि अभी तक ड्रेनेज विभाग के पास साफ-सफाई के लिए ग्रांट नहीं पहुंची है। साफ-सफाई के लिए आने वाले फंड का अधिकतर हिस्सा घग्घर दरिया पर ही खर्च हो जाता है। गत वर्ष की बात करें तो घग्घर दरिया में दरार पड़ने की वजह से आसपास के दर्जन भर गांवों की दस हजार एकड़ फसल बर्बाद हो गई। साथ ही गांवों के 25 से अधिक घरों को भारी नुकसान हुआ। सैकड़ों ग्रामीण एक सप्ताह तक पानी में डूबे रहने को मजबूर हुए, कई दिनों तक दिन-रात घग्घर की दरार को भरने की जद्दोजहद के बाद घग्घर की दरार को भरा गया था। घग्घर की दशा से भयभीय है इलाका निवासी
घग्घर दरिया के किनारों को पक्का करने व मजबूत करने के लिए अभी भी कोई कदम नहीं उठाया गया है। मानसून के सीजन में घग्घर के आसपास बसे खनौरी, मूनक इलाके के गांव मकोड़, फूलद, हमीरगढ़, भूंदड़भैणी, मूनक, सूरजनभैणी के लोगों मे सहम का माहौल है, क्योंकि गत वर्ष घग्घर इलाके में भारी क्षति पहुंचा चुका है। अगर घग्घर की साफ-सफाई से लेकर किनारों को पक्का करने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएं तो आसपास के लोगों को राहत मिल सकती है, लेकिन अभी तक घग्घर की सफाई का काम आरंभ नहीं हुआ है, जिस कारण मानसून दौरान पहाड़ी इलाकों से आने वाला पानी घग्घर के कमजोर किनारों को भेदकर इलाके में क्षति पहुंचा सकता है। सीवरेज व बरसाती नालों की शुरू नहीं हुई सफाई
मई माह के अंत तक बरसाती नालों की सफाई शुरू नहीं हो पाई है। कर्फ्यू के कारण पिछले दो माह से सभी प्रकार के कामकाज बंद पड़े हुए हैं और सरकार की तरफ से ग्रांट जारी करने में भी अभी तक कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया गया है। शहरों में सीवरेज की सफाई पर भी अभी काम शुरू नहीं किया गया, जिस कारण शहरों को मानसून के दौरान जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ेगा। संगरूर शहर को शत फीसद सीवरेज से लैस करने के आरंभ हुआ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य भी अभी संपन्न नहीं हो पाया है, जिसका खामियाजा लोगों को मानसून दौरान भुगतना पड़ेगा। ग्रांट मिलने पर हो होगा काम : एक्सईएन ड्रेनेज
ड्रेनेज विभाग के एक्सीएन गगनदीप सिंह से बात करने पर उन्होंने कहा कि ड्रेन, बरसाती नालों की सफाई के लि करीब छह करोड़ रुपये का टेंडर अप्रैल माह के अंत में लगा गया था। अभी तक सरकार ने ग्रांट जारी नहीं की हैं। कोविड के कारण इस बार कितना फंड विभाग को मिल पाएगा इसका कोई अनुमान नहीं है। ग्रांट मिलने के बाद ही सफाई का काम आरंभ हो पाएगा। जल्द ही ग्रांट मिलने की उम्मीद है। ग्रांट जारी होते ही साफ-सफाई का काम शुरू कर देंगे। निजी कंपनी करेगी सीवरेज की सफाई : एक्सईएन सीवरेज
सीवरेज बोर्ड के एक्सीएन महेश चावला से बात करने पर उन्होंने बताया कि शहर में सीवरेज डालने का कार्य निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। मानसून के मद्देनजर सीवरेज की सफाई का काम भी कंपनी द्वारा ही निपटारा जाएगा। अभी तक कहीं पर भी सीवरेज जाम होने की कोई समस्या नहीं है। वह निजी कंपनी को आदेश देंगे कि वह सीवरेज की सफाई करवाएं व जल्द से जल्द सीवरेज डाला जाए, ताकि शहर निवासियों को मानसून में किसी प्रकार की समस्या पेश न आए।