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खेतों से मंड़ियों तक किसानों पर आफत बनकर बरसी बरसात

शनिवार रात बरसात किसानों के लिए आफत बनकर बरसी। मध्यरात्रि उपरांत से इलाके में हुई तेज बरसात ने अनाज मंडियों में धान लेकर पहुंचे किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 11:36 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 11:36 PM (IST)
खेतों से मंड़ियों तक किसानों पर आफत बनकर बरसी बरसात
खेतों से मंड़ियों तक किसानों पर आफत बनकर बरसी बरसात

मनदीप कुमार, संगरूर : शनिवार रात बरसात किसानों के लिए आफत बनकर बरसी। मध्यरात्रि उपरांत से इलाके में हुई तेज बरसात ने अनाज मंडियों में धान लेकर पहुंचे किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। कई दिनों से बोली के लिए धान लेकर बैठे किसानों की फसल जहां बरसात में भीग गई, वहीं बिक चुकी धान की लिफ्टिंग न होने के कारण धान की बोरियां बरसात के पानी में डूब गई। रातभर किसान अपनी फसल को बरसात से बचाने की जद्दोजहद करते रहे, लेकिन बरसात के आगे उनकी एक न चली। जगह-जगह बरसात का पानी अनाज मंडी में जमा होने के कारण धान की बोरियां भीग गई, जिसे सुबह मजदूर पानी में से निकालकर अन्य जगह पर शिफ्ट करते दिखाई दिए। जिले के अन्य इलाकों की अपेक्षा संगरूर में 11.2 एमएम बरसात दर्ज की गई है। किसान जहां पहले ही नमी की मात्रा अधिक होने के कारण धान की बोली न लगने से परेशान चल रहे हैं, वहीं बरसात ने समस्या को और बढ़ा दिया है। जिला संगरूर व मालेरकोटला की अनाज मंडियों में रविवार तक 1 लाख 23 हजार 025 मीट्रिक टन बोरियों में भरा अनाज लिफ्टिंग को तरस रहा है, जो बरसात की भेंट चढ़ गया। तीन लाख मीट्रिक टन हुई आमद

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जिला संगरूर व मालेरकोटला में अब तक 305174 मीट्रिक टन धान की आमद हो चुकी है। संगरूर में 238426 व मालेरकोटला 66748 मीट्रिक टन धान की आमद हुई है। पिछले साल अब तक 365460 मीट्रिक टन की आमद हुई थी। ऐसे में इस बार 60286 मीट्रिक टन कम धान की आमद हुई है। मौसम में तबदीली के कारण न केवल धान की मंडी में आमद प्रभावित हुई है, बल्कि धान की कटाई अभी भी जारी है। शनिवार-रविवार को बरसात व तेज हवा के कारण धान जमीनपर बिछ गई है। इस कारण अब किसानों को कंबाइन की बजाए, हाथ से धान की कटाई करवानी पड़ेगी। लिफ्टिंग सुस्त, बरसात में भीगी बोरियां

अनाज मंडी में बेशक धान की खरीद तेजी से जारी है, लेकिन लिफ्टिंग की रफ्तार सुस्त है। लिहाजा अभी भी जिला संगरूर में 96102 मीट्रिक टन व मालेरकोटला में 26923 मीट्रिक टन धान की लिफ्टिंग बाकी है। वहीं बरसात के कारण कुल एक लाख 23 हजार 025 मीट्रिक टन धान की बोरियां बरसात में भीग गई है। जिला संगरूर व मालेरकोटला में अब तक दो लाख 83 हजार 576 एमटी धान की खरीद की जा चुकी है। जिला संगरूर में 220513 एमटी व मालेरकोटला में 63063 एमटी धान की खरीद हो चुकी है। खून-पसीने की कमाई हुई पानी-पानी:-

अनाज मंडी में अपनी फसल लेकर बैठे बलवीर सिंह, कृपाल सिंह हथन, गोबिदरपाल सिंह मंगवाल ने कहा कि दो दिन से अनाज मंडी में धान लेकर बैठे हैं। लेकिन नमी की मात्रा अधिक होने की बात कहकर खरीद इंस्पेक्टर बोली लगवाने से आनाकानी कर रहे हैं। शनिवार को बरसात के बाद धान की फसल को पानी लग गया है, जिससे नमी और बढ़ गई है। ऐसे में अब और कई दिन बोली के लिए इंतजार करना होगा। बरसात किसानों के परेशानी बन गई है, क्योंकि खेतों में खड़ी फसल हवा के कारण बिछ गई है। किसानों को मौसम व सरकार की दोहरी मार पड़ रही है, क्योंकि किसान नमी की मात्रा की शर्त को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, ताकि किसानों की फसल बिक सके। बरसात से पहुंचा भारी नुकसान:-

जिला मंडी अफसर मनदीप सिंह ने बताया कि बरसात होने के कारण नुकसान काफी हुआ। कई जगहों पर अनाज मंडी में पानी जमा हो गया है, लेकिन किसानों की फसल को बचाने के लिए पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। बरसात कुदरती आपदा हैं, जिसे रोका नहीं जा सकता। लिफ्टिंग भी तेजी से करवाई जा रही है, ताकि मंडी में किसानों को फसल की संभाल के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। इलाके में बरसात का ग्राफ:-

इलाका बरसात (एमएम)

संगरूर 11.2

सुनाम 7.8

धूरी 4.2

मालेरकोटला 8.0

लहरा 7.2

मूनक 6.0

औसत 7.4


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