किसानों ने घेरा जिला प्रबंधकीय परिसर, अधिकारी मुलाजिम बने बंधक
कर्जमाफी व मुआवजे के मुद्दे पर बैठे भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने मंगलवार को जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के तीनों गेटों पर धरने लगाकर आवाजाही ठप कर दी।
जागरण संवाददाता, संगरूर : कर्जमाफी व मुआवजे के मुद्दे पर बैठे भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने मंगलवार को जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के तीनों गेटों पर धरने लगाकर आवाजाही ठप कर दी। कांप्लेक्स के तीनों गेट बंद होने के कारण न लोग अंदर जा सकें और न ही अंदर मौजूद लोगों को न बाहर निकलने दिया। इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। समूह अधिकारी व मुलाजिम शाम तक बंधक बने रहे। डीसी, एडीसी सहित अन्य अधिकारी पहले ही कांप्लेक्स से बाहर निकल गए और बाकियों को पैदल ही बाहर निकलना पड़ा। शाम पांच बजे गेटों के सामने से किसानों ने अपने धरने हटाकर कर्मचारियों को बाहर निकाला। साथ ही एलान किया कि बुधवार को सुबह ही जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के तीनों गेटों को बंद कर दिया जाएगा। डीसी समेत किसी भी अधिकारी व मुलाजिम को अंदर दाखिल नहीं होने दिया जाएगा तथा अंदर से किसी को बाहर नहीं आने देंगे। इसके लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी।
जिला प्रधान अमरीक सिंह गंढूआ की अगुवाई में डीसी कार्यालय के सामने शुरू हुए पांच दिवसीय मोर्चे के दूसरे दिन किसानों ने डीसी कार्यालय के तीनों गेटों का घेराव किया गया। मुख्य तौर पर राज्य उपप्रधान जनक सिंह भुटाल कलां व राज्य उपप्रधान जसविदर सिंह सोमा शामिल हुए। प्रचार सचिव जगतार सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा मानीं गई मांगे लागू करवाने के लिए 24 दिसंबर तक का मोर्चा लगाया गया है। अभी तक सरकार ने किसानों की मांगों पर गंभीरता नहीं दिखाई। इस कारण घेराव किया है। बुधवार मुकम्मल घेराव किया जाएगा। सरकार ने चुनाव के समय पंजाब सरकार ने किसानों व मजदूरों सहित जनता से बड़े-बड़े वादे किए थे। इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया। सरकार ने यूनियन की राज्य टीम से बैठक कर गुलाबी सुंडी व बेमौसमी बरसात से तबाह फसलों का मुआवजा देने का आश्वासन दिया था। इसके अलावा गन्ने का भाव 360 रुपये देने का वादा किया था। लेकिन 325 रूपये प्रति क्विटल गन्ने का भाव दिया जा रहा है। इस मौके जिला महासचिव दरबारा सिंह, कृपाल सिंह धूरी, अजैब सिंह, राम सिंह, जसवंत सिंह, बहादर सिंह, दर्शन सादीहरी, सुखपाल सिंह, गोबिदर सिंह, मनजीत घराचों, हरबंस सिंह, दर्शन सिंह, शेर सिंह आदि मौजूद थे। किसानों ने पेश की यह मांगें:-
उन्होंने मांग की कि गुलाबी सुंडी से तबाह हुए नरमें का 17 हजार प्रति एकड़ मुआवजा व खेत मजदूरों को अलग से दस फीसदी चुर्गाइ का अदा किया जाए, सरकार द्वारा बढ़ाकर एलान किए गन्ने का मूल्य 360 रुपये प्रति क्विटल की पर्ची किसानों को प्रत्येक चीनी मिल से देने की गारंटी की जाए, खुदकुशी पीड़ित किसान परिवारों को तीन-तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता, एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए, पांच एकड़ तक मालकी वाले किसानों के लिए एलान की दो लाख रूपये तक की कर्जा माफी बगैर शर्त किसानों को दी जाए, आंदोलन में मरे किसानों के परिवारों को पांच लाख रूपये मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाए, पंजाब को नशा मुक्त किया जाए, यूरिया खाद की कमी दूर की जाए, टोल प्लाजा के मूल्य में की बढ़ोतरी वापस ली जाए, मुलाजिमों को बकाया वेतन दिया जाए, आंदोलनकारी बेरोजगार टीचरों पर मानसा में हुए लाठीचार्ज के डीएसपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल में डाला जाए, किसानों व मजदूरों पर डाले झूठे पर्चे रद्द किए जाएं, किसानों व मजदूरों के सभी कर्ज माफ किए जाएं। - कांप्लेक्स में फंसे लोग, अधिकारी-मुलाजिम भी परेशान:-
किसानों द्वारा कांप्लेक्स के तीनों गेटों पर धरना लगाने कारण 40 विभागों के अधिकारी, मुलाजिम अंदर ही बंद हो गए। साथ ही दफ्तरों में कामकाज करवाने के लिए आए लोगों को भी बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। अधिकारी अपने वाहनों में गेटों पर रुके रहे, लेकिन उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया गया। दिव्यांग दीपा कुमार निवासी संगरूर ने बताया कि वह दिव्यांगों को दी जाने वाली बैटरी की ट्राइसाइकिल के लिए अपनी दर्खास्त देने डीसी दफ्तर आया था, लेकिन तीनों गेट बंद होने के कारण उसे शाम को बाहर निकलना पड़ा। ऐसे ही कामकाज के लिए आए अन्य लोग भी अंदर ही फंसे रहे। - रोड पर आवाजाही ठप, अधिकारी भी परेशान
जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स समक्ष धरने कारण नगर कौंसिल दफ्तर रोड, बस स्टैंड रोड, क्लब रोड पर आवाजाही ठप है। क्लब में एडीसी, एसडीएम के आवास व माननीय सेशन जज की रिहायश व दफ्तर मौजूद हैं, लेकिन यहां पर भी ट्रैक्टर-ट्रालियों के जमावड़े व धरनों के कारण आवाजाही ठप हो गई है। ट्रैफिक को मोहल्लों के बीच से या अन्य रास्तों पर से होकर गुजरना पड़ रहा है।