तीस दिनों में पच्चास किसानों ने मौत को लगाया गले
संवाद सहयोगी, सुनाम (संगरूर) : पंजाब में किसानों द्वारा आत्महत्या करने का रुझान लगातार बढ़
संवाद सहयोगी, सुनाम (संगरूर) :
पंजाब में किसानों द्वारा आत्महत्या करने का रुझान लगातार बढ़ रहा है। यह प्रदेश की खेती के लिए ¨चता का विषय है। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां इस संबंधी माहवार आंकड़े जारी करके सत्य को सामने ला रही है। नौ सितंबर से नौ अक्तूबर तक 50 किसान मौत को गले लगा चुके हैं। इनमें आधे से ज्यादा किसान मालवा इलाके के हैं।
यूनियन के प्रतिनिधि सुखपाल ¨सह द्वारा जारी आंकडे़ प्रमाणित कर रहे हैं कि पंजाब के मालवा क्षेत्र के किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। संगरूर, बरनाला, मानसा, ब¨ठडा, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब जिलों के ज्यादातर किसानों ने कर्ज के कारण अपनी जान दी है। खेती में ज्यादा लाभ नहीं होने के कारण कर्ज का बोझ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। माणक ने कहा कि दशहरे के दिन लहरागागा के घोड़ेनब गांव में पांच बहनों के इकलौते भाई द्वारा तंग आर्थिकता के कारण जान दी गई इस घटना की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दी लेकिन सरकार की नींद नहीं टूटी है। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जो¨गदर ¨सह उगराहां ने कहा कि खेती के लिहाज से किसानों के लिए वर्तमान दौर बेहद नाजुक है। कर्ज के कारण किसान खुद को संभाल नहीं पा रहा है। लेकिन किसानों को जान देने की बजाए कर्ज से छुटकारा पाने हेतू संघर्ष करने की जरूरत है। उन्होंने किसानों से अपील की कि कर्ज से मुक्ती के लिए खुदकुशी नहीं करें बल्कि एकजुट होकर आंदोलन करें। सरकार को नींद से जगाने के लिए बडे आंदोलन की जरूरत है, तभी सरकारों को उनके वादे याद आएंगे।