बेसहारा पशुओं से परेशान किसान लेकर डीसी परिसर पहुंचे
संवाद सहयोगी संगरूर लावारिस पशुओं से परेशान किसानों ने डीसी आफिस में छोड़ा।
संवाद सहयोगी, संगरूर :
प्रशासन दिसंबर तक संगरूर को बेसहारा पशुओं से मुक्ति दिलाने के लिए पशुओं को पकड़ने का अभियान जोरशोर से चलने का दावा कर रहा है, लेकिन दूसरी तरफ ग्रामीण किसान बेसहारा पशुओं के आतंक से परेशान हैं। खेतों में बेसहारा पशु फसल को खराब कर रहे हैं, जिस कारण किसानों को अपने खेतों में रखवाली करनी पड़ रही है। गांव, चंगल व अधेड़ी के किसान पशुओं से परेशान होकर मंगलवार को पांच ट्रालियों में पशुओं को भरकर डीसी दफ्तर में पहुंचे। किसानों ने एलन किया कि वह यह पशु जिला प्रबंधकीय परिसर में छोड़ेंगे, जिसके चलते हड़कंप मच गया।
इस मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार ने मसले का हल करने व पशुओं को गोशाला पहुंचाने का भरोसा दिलाकर किसानों को शांत किया। किसान तकरीबन 40 बेसहारा जानवरों को पांच ट्रालियों में भर परिसर में छोड़ने आ पहुंचे।
गांव चंगाल व अंदेड़ी के किसान बहादर सिंह, अजैब सिंह, किसान यूनियन राजेवाल के नाजर सिंह, जगविदर सिंह, किसान यूनियन उगराहां के धन्ना सिंह, बहादर सिंह, नछतर सिंह, जसविदर सिंह, रतन सिंह, जगदेव सिंह ने कहा कि वह बेसहारा जानवरों से बहुत परेशान हैं। यह उनकी फसलों को खराब करते है, यह बेसहारा जानवर गांवों में कई बुजुर्गों व बच्चों को टक्कर मार घायल भी कर चुके हैं। रातों को यह सड़कों पर बैठ जाते हैं, जिनके कारण सड़क हादसे होते हैं। वह इनकी संभाल के लिए सरकार को टैक्स अदा करते हैं, इसलिए इन्हें संभालना सरकार व प्रशासन की जिम्मेदारी है। अगर उनकी समस्या का पक्का हल न किया गया तो वह इन बेसहारा जानवरों को डीसी परिसर में छोड़ने पर विवश हो जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन राजेवाल व भारतीय किसान यूनियन उगरहां के नेतृत्व में परिसर के समक्ष पहुंचे बेसहारा जानवरों से दुखी किसान पशुओं से निजात की गुहार लगाई। नायब जहसीलदार केके मित्तल ने बेसहारा पशुओं को गोशालाओं में भेजने के आदेश के बाद मामला शांत हो गया।