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किसान कृषि विधेयक के खिलाफ हुए उग्र,प्रधानमंत्री का पुतला फूंका

जागरण टीम संगरूर केंद्र सरकार के पेश किए गए कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब भर में प्रदर्शन हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 10:33 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 05:09 AM (IST)
किसान कृषि विधेयक के खिलाफ हुए उग्र,प्रधानमंत्री का पुतला फूंका
किसान कृषि विधेयक के खिलाफ हुए उग्र,प्रधानमंत्री का पुतला फूंका

जागरण टीम, संगरूर :

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केंद्र सरकार के पेश किए गए कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब भर में किसानों का रोष रविवार को और उग्र हो गया। आज कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों के चल रहे संघर्ष के तहत जिले भर में विभिन्न जगहों पर किसानों व आढ़तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्र सरकार का पुतला फूंक कर रोष जाहिर किया। संगरूर की अनाज मंडी में किसान समाज हुए व रोष प्रदर्शन किया। भाकियू राजेवाल ने स्टेट हाईवे पर आधा घंटा जाम लगाया व प्रधानमंत्री का पुतला फूंका। सुनाम में स्थानीय आइटीआइ चौक में केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के जिला महासचिव रण सिंह चट्ठा के नेतृत्व में किसानों व आढ़तियों द्वारा अनाज मंडी से लेकर आइटीआइ चौक तक रोष मार्च किया गया व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया गया।

चट्ठा ने कहा कि आज पंजाब की समूचे 30 किसान जत्थेबंदियों द्वारा अपने-अपने गांवों व कस्बों में कृषि विधेयक के विरोध में मोदी के पुतले जलाए गए। किसान नेता रण सिंह चट्ठा, भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के प्रदेश सचिव मलकीत सिंह लखमीरवाला ने कहा कि कृषि विधेयकों से किसान, आढ़ती, मुनीम, मजदूर, पल्लेदार, छोटे व्यापारी व छोटे दुकानदार सहित हर वर्ग बर्बाद हो जाएगा। आढ़ती एसोसिएशन पंजाब के अध्यक्ष रविदर सिंह चीमा, आढ़ती एसोसिएशन सुनाम के प्रधान राजेश काला, मार्केट कमेटी सुनाम के चेयरमैन मनीष सोनी व आढ़ती हरदीप बिक्की ने कहा कि फसल की खरीद मंडियों की अपेक्षा टूट जाने पर प्राईवेट कंपनियां मनचाहे रेट पर फसल की खरीद करेंगी, जिससे किसान-आढ़ती बर्बाद हो जाएंगे।

इस दौरान यूनियन नेताओं ने 25 सितंबर को पंजाब बंद के समर्थन में दुकानदारों, ट्रांसपोर्ट मालिकों, आढ़तियों व आम जनता से सहयोग की मांग की, ताकि कृषि अध्यादेश को रद करवाया जा सके।

उधर, भवानीगढ़ में पटियाला भवानीगढ़ मुख्य मार्ग पर तीन किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन डकौंदा, भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां व भारतीय किसान यूनियन राजेवाल द्वारा मुख्य मार्ग पर केंद्र सरकार का पुतला जलाकर रोष प्रदर्शन किया गया। भारतीय किसान यूनियन के नेता रघवीर सिंह, सतविदर सिंह, संदीप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी विधेयक लाए गए हैं, उसका डटकर विरोध किया जाएगा व इन्हें किसी भी हालत में देश में लागू नहीं होने देंगे। इसके अलावा उन्होंने नदामपुर बाईपास पर भी जोरदार प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार व पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सरकार का पुतला फूंक कर केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ डटकर लड़ने का ऐलान कर दिया।

इस मौके पर मेजर सिंह, बचन सिंह, नाहर सिंह, निरपाल सिंह समेत भारी संख्या में किसान मौजूद थे। यहां से प्रदर्शन के बाद किसानों ने पटियाला में चल रहे पक्के मोर्चे में शामिल होने को रवाना हुए।

उधर, धूरी में कृषि विधेयक के खिलाफ किसान संगठनों सहित आढ़तियों व मजदूरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला मुख्य चौक में जलाया व केंद्र सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए। नई अनाज मंडी में इकट्ठा होने के बाद किसान, आढ़ती व मजदूरों को संबोधित करते हुए भाकियू राजेवाल के प्रांतीय सचिव निरंजन सिंह दोहला ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए तीन विधेयक किसानों के लिए नुकसान दायक साबित होंगे, जिससे किसान बड़े घरानों के अधीन हो जाएंगे, वह अपनी मर्जी से फसल का रेट तय करेंगे। फसलों का न्यूनतम मूल्य व सरकारी खरीद जारी रखने, बिजली संशोधन बिल 2020 को रद करने, पेट्रोल व डीजल की कीमतों में कटौती करने की मांग की। आढ़ती एसोसिएशन धूरी के प्रधान जगतार सिंह समरा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों व आढ़तियों को समाप्त करना चाहती है, जिसका सीधा असर मजदूरों पर भी पड़ेगा। सभी को मिलकर इन कानूनों का विरोध करना चाहिए। इस मौके पर निर्मल सिंह, गुरदीप सिंह सिद्धू, जरनैल सिंह जहांगीर, आढ़ती जागर सिंह, चमन लाल आदि उपस्थित थे।

उधर, दिड़बा में भाकियू उगराहां की अगुआई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंककर सरकार के खिलाफ रोष जाहिर किया। किसानों ने दिड़बा के गांवों में रोष मार्च करने के बाद अर्थी फूंक प्रदर्शन किया। भाकियू उगराहां ब्लॉक दिड़बा के सचिव बिंदर सिंह दिड़बा, हरबंस सिंह, मुख्तियार सिंह व राम सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा में पास किया गया कृषि विधेयक केवल किसान विरोधी ही नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक विरोधी है। केंद्र की भाजपा सरकार सहित अकाली दल व पंजाब की कांग्रेस सरकार सभी मिले हुए हैं। जब तक सरकार यह विधेयक वापस नहीं लेगी, तब तक संघर्ष जारी रखा जाएगा।


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