फीस की अदायगी व राहत संबंधी आवेदन दें परिजन: जगजीत
महामारी के चलते नए सैशन से स्कूल अध्यापक बच्चों को ऑनलाइन कक्षाएं दे रहे हैं।
जेएनएन, धूरी (संगरूर) : महामारी के चलते नए सैशन से स्कूल अध्यापक बच्चों को ऑनलाइन कक्षाएं दे रहे हैं। परिजनों व स्कूलों में फीस को लेकर विवाद चल रहा है, जिस पर माननीय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने परिजनों को पूरी ट्यूशन फीस, वार्षिक फंड व ट्रांसपोर्ट जितना स्कूलों का खर्च आया है, भरने को कहा है। डबल बैंच ने भी इस फैसले को बरकरार रखा है, जिस पर परिजनों की ओर से स्कूलों में फीस भरने का रूझान बढ़ने लगा है। फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल के प्रधान जगजीत सिह धूरी ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश मुताबिक जिन परिजनों की आमदन लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुई है वह स्कूलों को आवेदन दे सकते थे। ऐसे छात्रों का नाम तब तक नहीं काटा जा सकता, जब तक आवेदन का फैसला न हो जाए। यह राहत उन परिजनों के लिए नहीं, जिन्होंने आवेदन नहीं दिए हैं। ऐसे में स्कूलों को अधिकार है कि वह आवेदन न देने वाले छात्रों की पढ़ाई रोक सकते हैं, क्योंकि यह परिजन नए सैशन से लेकर अब तक एक बार भी स्कूल की फीस भरने नहीं पहुंचे, लेकिन लगातार कक्षाएं ले रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के कुछ सियासतदान भी लोगों को गुमराह कर किसी भी छात्र का नाम न काटने के ब्यान दे रहे हैं। पंजाब के सभी स्कूलों ने फैसला किया है कि वह जरूरतमंद परिजनों की हर संभव मदद करेंगे, लेकिन दस अगस्त के बाद विभिन्न स्कूलों के स्टाफ ने ऐसे छात्रों की पढ़ाई जारी रखने से इंकार कर दिया है। जो एक बार भी फीस नहीं भरी है। इस संबंधी फेडरेशन के अधीन पंजाब के सभी स्कूलों व एसोसिएशनों जिनमें कासा, रासा व पूसा शामिल है के प्रधानों ने कहा कि कोई भी स्कूल ऐसी स्थिति में एक दूसरे स्कूल के छात्र तब तक दाखिल नहीं करेंगे, जब तक वह पिछले स्कूल की ऑनलाइन पढ़ाई की फीस हाईकोर्ट के आदेश मुताबिक नहीं भरेंगे।