हर इंसान करे नेत्र दान तो किसी की जिंदगी में नहीं रहेगा अंधेरा
संगरूर सेहत विभाग द्वारा आंखें दान के प्रचार के लिए शुरू की गई एक विशेष वैन संगरूर के सिविल अस्पताल में पहुंची। इस दौरान लोगों को मृत्यु उपरांत अपनी आंखें दान करने के प्रति जागरूक करने के लिए एक नाटक पेश किया गया। ग्रामीणों को आंखें दान करने के लिए जागरूक करने को जागरूकता वैन को हरी झंडी देते हुए जिला सेहत अधिकारी डॉ. प्रेमपाल ¨सह गिल ने सिविल अस्पताल से रवाना किया। डा गिल ने कहा कि यह दूनिया बेहद खूबसूरत व रंग बिरंगी है। लेकिन यदि इंसान अपनी आंखों से यह दूनिया देख सकें तो ही उसे यह दूनिया रंग लगेगी। मौजूदा समय में कुछ लोग आंखों की रोशनी न होने कारण इस दुनिया खूबसूरती का आनंद लेने से वंचित रह जाते हैं।
जागरण संवाददाता, संगरूर :
सेहत विभाग द्वारा आंखें दान के प्रचार के लिए शुरू की गई एक विशेष वैन संगरूर के सिविल अस्पताल में पहुंची। इस दौरान लोगों को मृत्यु उपरांत अपनी आंखें दान करने के प्रति जागरूक करने के लिए एक नाटक पेश किया गया।ग्रामीणों को आंखें दान करने के लिए जागरूक करने को जागरूकता वैन को हरी झंडी देते हुए जिला सेहत अधिकारी डॉ. प्रेमपाल ¨सह गिल ने सिविल अस्पताल से रवाना किया। डा गिल ने कहा कि यह दुनिया बेहद खूबसूरत व रंग बिरंगी है। लेकिन यदि इंसान अपनी आंखों से यह दूनिया देख सकें तो ही उसे यह दूनिया रंग लगेगी। मौजूदा समय में कुछ लोग आंखों की रोशनी न होने कारण इस दुनिया खूबसूरती का आनंद लेने से वंचित रह जाते हैं। इसलिए जहां सभी को मृत्यु उपरांत अपनी आंखें दान करनी चाहिए, ताकि किसी की अंधेरे से भरी ¨जदगी में रोशनी ला सकते है।
उन्होंने कहा कि आंखें दान के बारे में कुछ लोग यह सोचते हैं कि आंखें निकालते समय मृतक की चीर फाड़ करते समय उसका चेहरा खराब हो जाता है, परंतु आंखें निकालने का मकसद पूरी आंख निकालना नहीं है। बल्कि आंख मे मौजूद सिर्फ गोल झिल्ली (कॉर्नियां) ही निकाली जाती है व इससे चेहरा खराब नहीं होता। सहायक सिविल सर्जन डॉ. रंजना शर्मा व आंखों की माहिर डॉ. निधि बताया कि आंखें दान करने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह वैन सुनाम, धूरी, व मालेरकोटला भी जाएगी। उन्होंने बताया कि 25 अगस्त से आंखे दान संबंधी पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस मौके पर एसएमओ डॉ. कृपाल ¨सह, डॉ इंद्रजोत कौर, डॉ. संजीव अग्रवाल, डॉ. राहुल, लवलीन, जगतार ¨सह, विक्रम ¨सह, सुभाष चंद्र, सुख¨मदर ¨सह, मंगल ¨सह आदि उपस्थित थे।