सत्य की अराधना करने से धुल जाते हैं पाप: अजित मुनि
संगरूर श्रावक द्वारा 12 व्रत ग्रहण करना श्रावक दीक्षा है तथा श्रावकों द्वारा 12 व्रतों का अंशिक त्याग किया जा सकता है। यह बात आज यहां जैन स्थानक मोहल्ला मैगजीन में धर्म सभा को संबोधित करते हुए संघ संचालक नरेश चंद जी महाराज के आज्ञानुवर्ती प्रवचन भास्कर अजित मुनि महाराज ने श्रावक के 12 व्रतों पर चर्चा करते कहा। मुनि ने आज दूसरे अनुव्रत पर चर्चा करते कहा कि अ¨हसा और सत्य आपस में जुड़े हुए हैं जो कभी भी अलग नहीं हो सकते।
जागरण संवाददाता, संगरूर : श्रावक द्वारा 12 व्रत ग्रहण करना श्रावक दीक्षा है तथा श्रावकों द्वारा 12 व्रतों का आंशिक त्याग किया जा सकता है। यह बात आज यहां जैन स्थानक मोहल्ला मैगजीन में धर्म सभा को संबोधित करते हुए संघ संचालक नरेश चंद जी महाराज के आज्ञानुवर्ती प्रवचन भास्कर अजित मुनि महाराज ने श्रावक के 12 व्रतों पर चर्चा करते कहा। मुनि ने आज दूसरे अनुव्रत पर चर्चा करते कहा कि अ¨हसा और सत्य आपस में जुड़े हुए हैं जो कभी भी अलग नहीं हो सकते। सत्य की अराधना करने से सभी पाप धुल जाते हैं। सत्य का पक्षधर ही संत है। सत्य का समूह संगत कहलाता है। संतों के सत्संग में आकर पाप धुल जाते हैं। धर्म की उत्पत्ति सत्य से ही होती है। मुनि ने कहा कि श्रावक को कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि झूठे आदमी के सच पर भी कोई विश्वास नहीं करता। यही उनके लिए सजा है। महात्मा गांधी ने सच के लिए कोई संकोच नहीं किया। जहां श्रावक का मोटो झूठ का त्याग होता है वहां साधु का तो सुक्ष्म झूठ का भी त्याग होता है। श्रावक का स्थूल झूठ का त्याग है। आज झूठ कपट बेहद बढ़ गया है। झूठ के बढ़ने से जांच पड़ताल भी बढ़ गई है। मुनि ने कहा कि श्रावक को पशुओं के लेन-देन भाव व्यापार आदि करते समय झूठ नहीं बोलना चाहिए। जमीन मकान आदि के लेनदेन के समय पर झूठ न बोलें, किसी की धरोहर को हड़पने की कोशिश न करें, झूठी गवाही न दें, अफवाहों पर भरोसा न करें, गुप्त बात का प्रचार न करें, किसी को भी झूठी सलाह न दें। जो व्यक्ति इन बातों को ध्यान में रखते हैं उनके दूसरे व्रत की पालना हो सकती है। मधुर वक्ता नवीन मुनि महाराज ने मधुर भजन से सभी को धर्म से जुड़ने की प्रेरणा दी।
सभा के मंत्री सत्भूषण जैन ने बताया कि क्षेत्र में आयमल की तपस्या में निशा जैन व ऊषा जैन आज चौथे दिन में प्रवेश कर चुकी हैं तथा ईकाशनों की लंबी तपस्या में जीवन जैन 109वें तथा अतुल गोयल 90वें दिन में प्रवेश कर चुके हैं। सभा द्वारा तपस्या करने वालों के लिए मंगल कामना की गई।