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झुग्गियों में रहने वालों का बिजली बिल पचास हजार, हक में उतरी भाजपा

दो बल्ब व एक पंखा चलाकर अपनी झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों पर पावरकाम द्वारा पचास-पचास हजार बिजली बिल भेजने का मामला दैनिक जागरण द्वारा उठाए जाने के बाद भाजपा ने भी इस मामले को गंभीरता से उठाया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 03:32 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 03:32 PM (IST)
झुग्गियों में रहने वालों का बिजली बिल पचास हजार, हक में उतरी भाजपा

जागरण संवाददाता, संगरूर

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दो बल्ब व एक पंखा चलाकर अपनी झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों पर पावरकाम द्वारा पचास-पचास हजार रुपये बिजली बिल भेजने का मामला दैनिक जागरण द्वारा उठाए जाने के बाद भाजपा ने भी इस मामले को गंभीरता से उठाया है।

नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी शपथग्रहण करने के बाद गरीब परिवारों पर लटक रही भारी भरकम बकाया बिजली बिलों की तलवार को हटाने के लिए जल्द बिल माफ करने का एलान किया है, लेकिन अभी तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। संगरूर शहर के स्लम इलाके में रहते ऐसे सैकड़ों परिवारों को 20 से 50 हजार रुपये के बिजली बिल आ रहे हैं और कई परिवारों के बिजली मीटर भी पावरकाम ने काट दिए हैं। मजबूरन यह परिवार अब अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रधान रणदीप दियोल की अगुआई में इन परिवारों ने डीसी संगरूर से मुलाकात की तथा बिजली बिल माफी के लिए मांग पत्र सौंपा। झुग्गी में न एसी, न कूलर बिल आया पचास हजार

राम नगर निवासी सीलो देवी, सोमा देवी, मिदो, रानी, मंजू रानी ने बताया कि उनके पास पक्के मकान तक नहीं है। झुग्गी-झोपड़ी में रहकर वह गुजारा कर रहे हैं। जहां दो बल्ब व एक पंखा ही है, लेकिन उनके मकानों का बिजली बिल बीस से पचास हजार आ रहा है। वह कागज, कबाड़ इत्यादि इकट्ठा करके बेचते हैं, जिससे उनके घरों का गुजारा चलता है। पचास-पचास हजार रुपये के बिजली बिल भरने से वह पूरे तरह से असमर्थ हैं। चुनावों के समय में राजीतिक पार्टियां मुफ्त बिजली देने के दावे करती हैं, लेकिन यहां मुफ्त बिजली तो दूर बिजली ही अब नसीब नहीं हो रही, क्योंकि बिल न भरने के कारण उनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं। नए मुख्यमंत्री चन्नी ने बकाया बिजली बिल माफ करने व बिजली कनेक्शन दोबारा चालू करवाने का भरोसा दिलाया है, जिसे तुरंत लागू करके उन्हें राहत प्रदान करें, ताकि बकाया बिलों की तलवार उस पर से हट सके। कई-कई महीनों से अंधेरे में परिवार

बिल्लू राम का दो माह का बिल 44 हजार रुपये, गोगा देवी का दस हजार बिल पर दो वर्ष, सीलो का पचास हजार बिल पर चार माह, मंजू का बीस हजार रुपये बिल होने के कारण आठ माह से पावरकाम ने बिजली का कनेक्शन काट दिया था, जिसके बाद से यह परिवार अंधेरे में ही रात गुजार रहे हैं। मोमबत्तियों के सहारा रात गुजारते हैं व गत्ते से हवा लेते हैं। उनका कहना है कि बिजली बिल भरने से पूरी तरह से असमर्थ हैं, लेकिन फिर भी उन्हें भारी भरकम बिजली बिल थमा दिए जाते हैं। सरकार तुरंत उनके बिलों को माफ करें व उनके काटे बिजली मीटर दोबारा लगाए जाएं। - सरकार तुरंत माफ करे बिजली बिल:-

भाजपा के जिला प्रधान रणदीप सिंह दियोल, सतवंत पूनिया, सुरेश बेदी, प्रदीप ने कहा कि उक्त परिवार एससी-बीसी श्रेणी से संबंधित हैं। यह परिवार मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं, लेकिन पंजाब सरकार की शह पर पावरकाम इन पर पचास-पचास हजार के बिजली बिल थोप रही है, जबकि दूसरी तरफ सरकार इन श्रेणियों को बिजली मुफ्त देने के दावे कर रही है। बिल न भरने पर कई परिवारों के मीटर कनेक्शन काट दिए हैं। गर्मी के दौर में यह परिवार बेहद बदतर हालात में रहने को मजबूर हैं। सरकार इनके बकाया बिलों को तुरंत माफ करें तथा इनके बिजली कनेक्शन चालू करवाएं। अन्यथा भारतीय जनता पार्टी द्वारा इन लोगों के हकों में कड़ा संघर्ष आरंभ किया जाएगा। - परिवारों को मिले हाउसिग फार आल व स्वच्छ भारत स्कीम का लाभ:-

भाजपा के कार्यकर्ताओं ने डीसी को सौंपे मांग पत्र के जरिये मांग की कि इन परिवारों के पास पक्के मकान व शौचालयों की सुविधा तक भी नहीं है। केंद्र सरकार ने हर जरूरतमंद गरीब परिवार के मकान बनाने के लिए हाउसिग फार आर व स्वच्छ भारत मुहिम चलाई हुई है, जबकि पंजाब सरकार इन स्कीमों का लाभ असल जरूरतमंदों को देने की बजाए फंडों का गलत इस्तेमाल कर रही है। दशकों से बसी उक्त बस्ती के लोग इन सुविधाओं के लाभ से वंचित है। डीसी संगरूर खुद इस मामले में संज्ञान लेकर पंजाब सरकार के सहयोग से इन जरूरतमंदों को पक्का मकान, शौचालय की सुविधाओं का लाभ प्रदान करवाएं।


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